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Published: Jul 17, 2023 12:08 PM IST

Gandhinagarभारत सहित 140 देश बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए वैश्विक कर समझौते तय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic Source-ANI केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

गांधीनगर: अमेरिका, भारत सहित लगभग 140 देश वैश्विक कर नियमों में बदलाव को लेकर एक समझौते के करीब हैं। इस समझौते में प्रावधान है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) को अपने परिचालन वाले देशों में कर का भुगतान करना होगा। यहां जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक से इतर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के समावेशी ढांचे में ‘ऐतिहासिक दो-स्तंभ के वैश्विक कर करार’ को अंतिम रूप देने में भारत के प्रयासों की सराहना की। 

येलेन ने द्विपक्षीय बैठक में कहा कि मेरा मानना है कि हम समझौते के नजदीक हैं।” अंतरराष्ट्रीय कराधान प्रणाली में एक बड़े सुधार के तहत भारत सहित लगभग 140 देश वैश्विक कर नियमों में व्यापक बदलाव के लिए सहमत हुए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी काम करती हैं, वहां वे न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करें। हालांकि, इस करार के लिए संबंधित देशों को सभी डिजिटल सेवा कर और इसी तरह के अन्य उपायों को हटाना होगा और भविष्य में इस तरह के उपाय लागू नहीं करने की प्रतिबद्धता जतानी होगी। सौदे के कुछ पहलुओं… मसलन लाभ आवंटन में हिस्सा और कर नियमों के दायरे जैसे विषय को सुलझाया जाना बाकी है। 

समझौते के तकनीकी विवरण पर काम पूरा होने के बाद एक व्यापक सहमति वाला करार अस्तित्व में आएगा। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने पिछले सप्ताह जारी एक परिणाम बयान में कहा कि कुछ क्षेत्रों ने बहुपक्षीय सम्मेलन (एमएलसी) में ‘कुछ विशिष्ट वस्तुओं के साथ’ चिंता व्यक्त की है। ओईसीडी ने कहा कि इन मुद्दों को हल करने का काम जारी है। भारत जी20 देशों पर यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाल रहा है कि प्रस्तावित न्यूनतम कर करार का विकासशील देशों पर कोई ‘अवांछित प्रभाव’ नहीं पड़े। जी20 की कराधान की समावेशी रूपरेखा में विकासशील देशों की सदस्यता एक-तिहाई की है।(एजेंसी)