देश

Published: Nov 30, 2020 07:25 PM IST

किसान आंदोलन अकाली के बाद एक और साथी ने दिया अल्टीमेटम, कहा- कानून वापस ले नहीं तो समर्थन वापस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: कृषि कानून (Agriculture Bill) को लेकर किसान सड़को पर है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली (Delhi) के सिंघु (Singhu) और टिहरी (Tihari) बार्डर पर बैठे हुए हैं. इसी बीच केंद्र सरकार (Central Government) में सहयोगी राष्ट्रीय लोकताँत्रिक पार्टी (Rashtriya Loktantrik Party) ने सरकार को समर्थन वापिस का अल्टीमेटम दे दिया है. सोमवार को पार्टी के प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने कानून को वापस नहीं लिया तो वह समर्थन वापिस ले लेंगे.”

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों लागू करें

बेनीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, “श्री अमित शाह जी,देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए !”

समर्थन पर पुनर्विचार करना पड़ेगा  

उन्होंने कहा, “चूंकि आरएलपी एनडीए का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्यवाही नही की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा !”

अकाली दल ने छोड़ा गठबंधन 

ज्ञात हो कि किसान बिल को लेकर भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने अपना दो दशक से ज्यादा पुराना रिश्ता तोड़ दिया था. इसी के साथ पार्टी के कोटे से मंत्री रही हरसिमरत कौर बादल ने पद से इस्तीफा दे दिया था. 

केंद्र का प्रस्ताव अस्वीकार्य

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बातचीत के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने अस्वीकार्य कर दिया है. भारती किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिवजगमोहन सिंह ने कहा, “हमने सभी राज्यों के किसान संगठनों के साथ बैठक की है. हम केवल पंजाब के 30 संगठनों के साथ ही ऐसा कर सकते थे. हमने मोदीजी के सशर्त निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.”