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Published: Jan 08, 2023 12:56 PM IST

Air India Flight Caseएयर इंडिया पेशाब कांड: क्या हुआ था उस फ्लाइट में? प्लेन में मौजूद रहे पैसेंजर ने अब कैमरे के सामने बताई पूरी 'सच्चाई'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File photo

नई दिल्ली. जहां एक तरफ एअर इंडिया (Air India) की उड़ान में महिला सहयात्री पर पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा (Shankar Mishra) को पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में पेश किया गया था। जहाँ अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

वहीं अब इस मामले पर शंकर मिश्रा के डॉक्टर एस भट्टाचार्जी ने भी अब मामले पर अपनी जानकारी देते हुए बताया कि, यह हादसा लंच के बाद हुआ। उसने (आरोपी) 4 बार शराब पी थी और फिर मुझसे वही सवाल कई बार पूछ रहा था। मैंने लंच खत्म किया, फ्लाइट अटेंडेंट से उस पर नजर भी रखने को कहा। जानकारी दें कि, सुगाता भट्टाचार्जी अमेरिका में डॉक्टर हैं। वह भी उसी फ्लाइट में थे जिसमें शंकर मिश्रा नाम के शख्स ने महिला के ऊपर पेशाब कर दी थी।

बताया आंखों देखा हाल 

वहीं पीड़ित महिला को लेकर एस.भट्टाचार्जी ने बताया कि, “वह महिला (पीड़ित) काफी सभ्य थी। 2 जूनियर एयर होस्टेस ने उन्हें बाद में ‘साफ’ किया। मैं वरिष्ठ परिचारिका के पास गया और उनसे दूसरी सीट देने के लिए कहा, उसने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि उन्हें कप्तान से अनुमति भी लेनी थी।” जब जहाज के कैप्टन को साफ सीट देने के लिए दो घंटे बाद फोन किया गया जबकि फर्स्ट क्लास में चार सीटें खाली थीं। पीड़िता बिजनेस क्लास में यात्रा कर रही थी।

डॉक्टर भट्टाचार्जी महिला की स्तिथि पर उन्होंने बताया कि, घटना के बाद भी महिला को सीट नहीं देने पर एस.भट्टाचार्जी ने बताया कि, उसके लिए एकमात्र विकल्प प्रथम श्रेणी में जाना था क्योंकि बिजनेस क्लास भरी हुई थी, उन्होंने (फ्लाइट क्रू) ने अपनी सीट को साफ किया और पेशाब की गंध वाली सीट पर कंबल रख दिए। वे शंकर मिश्रा की सीट दे सकते थे लेकिन उन्होंने व्यथित यात्री को शांत करने के लिए कुछ नहीं किया।

डॉक्टर भट्टाचार्जी ने इसके साथ ही एयर इंडिया स्टाफ की लापरवाही की तरफ भी इशारा किया। डॉक्टर भट्टाचार्जी ने बताया कि उन्होंने पेशाब किए जाने की घटना को तो नहीं देखा लेकिन उसके बाद जो हुआ उसे जरूर देखा। उन्होंने पीड़ित महिला की तुरंत मदद नहीं करने और उसे कई घंटों तक गंदी सीट पर बैठाने के लिए एयरलाइन के कर्मचारियों को भी दोषी ठहराया।

स्टाफ की ये गलती

डॉक्टर भट्टाचार्जी ने फ्लाइट में हुई घटना को अश्लीलता बताते हुए उन्होंने कहा कि, यह एक भयंकर अपराध है और एयरलाइंस के कर्मचारियों के पास इसके लिए बीच-बचाव का अधिकार नहीं था। उनका तो यह काम था कि वे पीड़ित और यात्री को अलग करते और उचित अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित करते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि स्टाफ ये देखने की कोशिश कर रहा था कि दोनों लोग आपस में बात करके मामले को निपटा लें।

भट्टाचार्जी के अनुसार चालक दल ने जिस तरह से इस शर्मनाक घटना को हैंडल किया उसके बारे में उन्होंने दो पेज की शिकायत लिखी और पीड़िता को तुरंत साफ सीट न उपलब्ध कराने की कड़ी आलोचना भी की थी। फिलहाल इस घटना से वे बहुत रोष में हैं। वहीं मामले में आरोपी शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।