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Published: Jul 05, 2023 07:52 PM IST

Uniform Civil Code'बिना किसी ब्लूप्रिंट के सुझाव मांगे जा रहे हैं', मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विधि आयोग को सौंपा UCC के विरोध में मसौदा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के मुद्दे पुरे देश में राजनीति गरमाई हुई है। विधि आयोग की और से इसे लेकर सुझाव मांगे गए है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने यूसीसी के विरोध में एक आपत्ति संबंधी दस्तावेज बुधवार (5 जुलाई) को लॉ कमीशन को भेज दिया। इस दस्तावेज में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि लॉ कमीशन के डाक्यूमेंट स्पष्ट नहीं हैं, जिनमें ‘हां’ या ‘न’ में जवाब मांगे गए हैं।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, ”इसे (यूसीसी) लेकर राजनीति हो रही है। मीडिया प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है। बिना किसी ब्लूप्रिंट के सुझाव मांगे जा रहे हैं। इस्लाम में लोग इस्लामिक कानूनों से बंधे हुए हैं, इसमें किसी तरह से बहस नहीं हो सकती है।”

एआईएमपीएलबी की ओर से यह भी कहा गया, ”मुस्लिम पर्सनल लॉ कुरान और Sunnah से सीधे लिए गए हैं और उनकी पहचान से जुड़े हैं। भारत के मुसलमान अपनी पहचान खोने को तैयार नहीं हैं। देश में कई तरह के पर्सनल लॉ संविधान के आर्टिकल 25, 26 और 29 के मुताबिक हैं।”

बोर्ड ने कहा, ”संविधान सभा में भी मुस्लिम कम्युनिटी ने समान नागरिक संहिता का भारी विरोध किया था। इस देश का संविधान खुद यूनिफार्म नहीं है। यहां तक कि गोवा के सिविल कोड में भी डाइवर्सिटी है। हिंदू मैरिज एक्ट भी सभी हिंदुओं पर समान रूप से लागू नहीं होता है।”