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Published: Apr 10, 2021 06:20 PM IST

Maharashtra Vaccine Updatesमहाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र सरकार से कहा- टीका आवंटन के मानक बनाए जाएं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने केंद्र (Central Government) से अपील की कि किसी राज्य की आबादी और वहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 टीका (Covid-19 Vaccine) आवंटन के मानक बनाए जाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की तुलना में आबादी में छोटे और उपचाराधीन मरीजों की कम संख्या वाले कई राज्यों को टीके की ज्यादा खुराकें मिल रही हैं। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की तरफ से भेजे गए 3.5 करोड़ खुराकों में से महाराष्ट्र को सात लाख खुराकें मिलीं और ‘‘काफी मान-मनव्वल” के बाद केंद्र ने दस लाख और खुराकें दी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आबादी और उपचाराधीन मरीजों की संख्या के लिहाज से मानक तय किए जाने चाहिए।” राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़ से अधिक है और यहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या देश भर की कुल संख्या का 60 फीसदी है। उन्होंने कहा कि संख्या ज्यादा है क्योंकि जांच में काफी बढ़ोतरी हुई है। टोपे ने कहा कि रोजाना छह लाख खुराकें देने के लिए राज्य सरकार अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम रोजाना छह लाख लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं। हर हफ्ते हम 40 लाख लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं और हर महीने करीब 1.60 करोड़ लोगों का… हमें उसी मुताबिक टीके चाहिए। जहां ज्यादा मामले हैं, वहां प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है और टीका ही एकमात्र उपाय है।” उन्होंने पूछा, ‘‘आज हमारे पास आठ लाख टीके मौजूद हैं और हमें बताया गया है कि एक दिन में चार लाख खुराकें और मिलेंगी। अगर रोजाना आधार पर टीकों की आपूर्ति होती है, तो फिर समय रहते राज्य के अन्य हिस्सों में टीकों की आपूर्ति कैसे की जाएगी?”

टोपे ने कहा कि मुंबई में 70 टीका केंद्र बंद हैं और सांगली, सातारा, पनवेल में भी टीके की कमी है, जिस कारण वहां के सभी केंद्र प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्र पर जाने वाले लोगों को वापस लौटाया जा रहा है। यह काफी शर्मिंदगी की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य में टीके की बर्बादी का प्रतिशत महज तीन फीसदी है। टोपे ने कहा, ‘‘केंद्र इन समस्याओं का समाधान गंभीरता से नहीं कर रहा है।”