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Published: Oct 31, 2023 02:44 PM IST

IPhone Threat Massagesफोन हैकिंग मामले में Apple की सफाई, कहा- ‘अलर्ट की वजह बताना संभव नहीं’, विपक्षी नेताओं को मिले थे खतरे के 'मैसेज'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
फाइल पिक: प्रियंका चतुर्वेदी, महुआ मोइत्रा ,राघव चड्ढा और शशि थरूर

नई दिल्ली: जहां एक तरफ आज यानी मंगलवार को देश के कई बड़े नेताओं के आईफोन (Iphone) पर मिले खतरे के अलर्ट (Alert Massage) मैसेज आने के बाद, फोन कंपनी Apple की तरफ से आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने आया है।  इस बाबत कंपनी ने यह भी कहा कि, ” हालाँकि हम किसी भी तरह के स्टेट स्पांसर्ड अटैक की सूचना नहीं देते हैं।  कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि एप्पल (Apple)  की कुछ खतरे की सूचनाएं (अलार्म अलर्ट) गलत हो सकते हैं। “

इस बाबत अपने आधिकारिक बयान में कंपनी ने जानकारी दी कि इस तरह के राज्य-प्रायोजित हमलावरों को अच्छी तरह से वित्तीय सहायता मिलती है।  वह ऐसे हमले समय-समय पर करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों के बारे में जानकारी हासिल करना खुफिया संकेतों पर भी निर्भर होता है।  कंपनी ने कहा कि वह इस अलर्ट के पीछे का कारण बताने में फिलहाल असमर्थ है। 

दरअसल विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें एप्पल से एक चेतावनी मिली है जिसमें कहा गया है कि “सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं”। इन नेताओं ने अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर संदेश के कथित स्क्रीनशॉट पोस्ट किए।

इस बाबत शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी Priyanka Chaturvedi, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)), आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा (Raghav Chaddha), कांग्रेस के शशि थरूर (Shashi Tharur) और उनकी पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और खुद राहुल गांधी ने एक्स पर एप्पल का संदेश साझा किया। माकपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को भी इसी तरह का संदेश मिला है। 

 हालाँकि विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए BJP के अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ” हमेशा की तरह कुछ ही लोग ‘सरकार प्रायोजित’ हमले पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं और खुद को शहीद बताने का नाटक कर रहे हैं…. सब अच्छा है…  लेकिन संभावना है कि हमेशा की तरह ही इस हंगामे की हवा निकल जाएगी!” उन्होंने कहा, “एप्पल के स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा क्यों न की जाए? या हंगामा खड़ा करने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते ?