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Published: Apr 27, 2024 05:56 PM IST

Delhi Liquor Scamअरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी पर उठाया सवाल, ED के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (सौजन्य: पीटीआई फोटो)

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार को अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हलफनामे पर जवाब दाखिल किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने से ठीक पहले उनकी गिरफ्तारी का तरीका और समय ईडी की मनमानी के बारे में बहुत कुछ कहती है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई।

अरविंद केजरीवाल ने हलफनामे में कहा कि इस बात का कोई सबूत या सामग्री मौजूद नहीं है कि AAP को दक्षिण समूह से धन या अग्रिम रिश्वत मिली हो, गोवा चुनाव अभियान में उनका उपयोग करना तो दूर की बात है। AAP के पास एक भी रुपया वापस नहीं आया और इस संबंध में लगाए गए आरोप किसी भी ठोस सबूत से रहित हैं, जो उन्हें बिना किसी पुष्टि के अस्पष्ट, आधारहीन बनाते हैं।

केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया है। ईडी ने शीर्ष अदालत में दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी की एक वजह यह थी कि वह नौ बार तलब किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे। केजरीवाल ने कहा कि ईडी ने अपने जवाब में कहा है कि ऐसे मामले में जांच अधिकारी का यह राय बनाना उचित था कि हिरासत में पूछताछ से आरोपी से ठोस पूछताछ हो पाएगी। उन्होंने कहा, “जवाब के आशय, पाठ और सामग्री से कोई संदेह नहीं रह जाता है कि ईडी ने कानून की उचित प्रक्रिया का सरासर अपमान करते हुए बहुत ही मनमाने तरीके से काम किया है।”

केजरीवाल ने दावा किया कि ईडी के जवाब में उसके रुख को समग्र रूप से देखने से उसकी कार्यवाही में “साफ झूठ” उजागर हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलेगा कि महत्वपूर्ण विवरण और जानकारी मांगने के दौरान उन्हें जारी किए गए प्रत्येक समन का विधिवत जवाब दिया गया था, जिसे किसी भी परिस्थिति में ईडी द्वारा गोपनीय होने का दावा नहीं किया जा सकता है।

केजरीवाल ने दावा किया कि ईडी ने कभी भी उनके द्वारा जांच में कथित असहयोग का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को किसी अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से न बुलाने या उनसे लिखित में या डिजिटल माध्यम से दस्तावेज न मांगने और व्यक्तिगत रूप से उनकी उपस्थिति पर जोर देने की क्या जरूरत थी, यह पता नहीं चल पा रहा है।” आप नेता ने कहा कि उनकी याचिका स्वीकार किये जाने योग्य है और वह तुरंत रिहा किये जाने के हकदार हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में शीर्ष अदालत में दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले के “सरगना और मुख्य साजिशकर्ता” हैं और सबूत के आधार पर अपराध के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं करती है।

ईडी ने यह भी दावा किया कि केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और आप नेताओं के साथ मिलकर काम किया और नीति के तहत पहुंचाए गए लाभ के बदले में शराब कारोबारियों से “रिश्वत मांगने” में भी शामिल थे। ईडी ने कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका में कोई तथ्य नहीं होने के आधार पर इसे खारिज करने योग्य बताया। जांच एजेंसी ने कहा है कि जिस सबूत को आधार बनाते हुए जांच अधिकारी ने उन्हें गिरफ्तार किया था उसपर विभिन्न अदालतों द्वारा गौर किया गया था।

ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें संघीय धन शोधन रोधी एजेंसी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया और केजरीवाल की याचिका पर उससे जवाब मांगा।

उच्च न्यायालय ने 9 अप्रैल को धन शोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है और बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास और विकल्प नहीं बचा था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)