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Published: May 08, 2021 03:37 PM IST

Avoid Foreign Medicinesकोविड-19 के उपचार में विदेशी दवाओं पर ज्यादा निर्भरता से बचें : अदालत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representational Pic

मुंबई. आयातित दवाओं पर अत्यधिक निर्भरता से बचने की सलाह देते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वे विदेशी उत्पादकों की दवाओं जैसे- टोसिलीजुमैब, के उचित विकल्प के बारे में जागरूकता पैदा करने को कहा है, जिनका इस्तेमाल कोविड-19 के उपचार में किया जा सकता है।  

मख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एक पीठ ने कहा कि टोसिलिजुमैब की कमी को देखते हुए, सरकार को नागरिकों को यह बताना चाहिए कि इसके बजाए कौन सी अन्य स्थानीय स्तर पर उत्पादित, सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध दवाएं हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है।  

उच्च न्यायालय ने कहा, “भारत सरकार ने ऑन रिकॉर्ड यह मत व्यक्त किया है कि इटोलीजुमैब, डेक्सामेथासोन और मिथाइलप्रेड़नीसोलोन दवाएं टोसिलिजुमैब के समकक्ष हैं और/या बेहतर हैं और यह उचित समय है कि उसके और राज्य सरकार द्वारा जनता की यह गलत धारणा बदलने का प्रयास किया जाए कि सिर्फ टोसिलीजुमैब से ही कोविड-19 के मरीजों को आराम मिल सकता है।”

अदालत ने कहा, “आयातित दवाओं पर अत्यधिक निर्भरता से बचा जाना चाहिए और सभी संबंधितों को अवगत कराया जाना चाहिए कि वे उपचार कर रोगियों को ठीक करें तथा जीवन रक्षक दवाओं से लाभ न कमाएं।” उच्च न्यायालय ने यह आदेश छह मई को पारित किया था लेकिन उसकी वेबसाइट पर यह शुक्रवार रात को उपलब्ध कराया गया। (एजेंसी)