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Published: Jan 25, 2023 08:55 PM IST

BBC Documentaryबीबीसी डॉक्यूमेंट्री: दो छात्रों ने JNUSU सदस्यों पर परेशान करने का लगाया आरोप, छात्र संघ का इनकार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के दो छात्रों ने आरोप लगाया है कि जेएनयू छात्र संघ के कुछ सदस्यों ने उन्हें पीटा और परेशान किया, जबकि छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि इन छात्रों ने मंगलवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आधारित बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को देख रहे छात्रों पर पथराव किया था।

वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्य वृत्तचित्र देखने आए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दो सदस्यों को पकड़ा था, लेकिन उन्हें परेशान नहीं किया गया था। आइसा की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष कासिम ने कहा, “जब वे हम पर पत्थर फेंक रहे थे हमने तभी उन्हें पकड़ लिया, लेकिन हमने किसी भी तरह उन्हें परेशान नहीं किया।”

पुलिस ने कहा कि उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनएसयू) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दोनों से शिकायतें मिली हैं। छात्रों के आरोपों और प्रतिवादों पर जेएनयू प्रशासन की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इसने सोमवार को एक परामर्श में कहा था कि जेएनएसयू ने कार्यक्रम के लिए उसकी अनुमति नहीं ली थी और इसे रद्द किया जाना चाहिए। प्रशासन ने कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

बीबीसी के वृत्तचित्र को दिखाए जाने के लिए जेएनयू छात्र संघ के कार्यालय में मंगलवार की रात एकत्र हुए कई छात्रों ने दावा किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम को रोकने के लिए बिजली आपूर्ति और इंटरनेट कनेक्शन बाधित कर दिए। उन्होंने कहा कि पथराव के बाद प्रदर्शन किया गया। उन्होंने दावा किया कि स्क्रीनिंग नहीं हो पाने कारण मोबाइल फोन पर वृत्तचित्र देख रहे छात्रों पर हमला किया गया। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि हमलावर एबीवीपी के सदस्य थे, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध छात्र निकाय ने इन आरोपों का खंडन किया।

जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उन्होंने पथराव कर रहे एबीवीपी के दो सदस्यों को पकड़ा। उन्होंने कहा, “हम अपने मोबाइल फोन पर शांति से वृत्तचित्र देख रहे थे, क्योंकि विश्वविद्यालय ने बिजली और इंटरनेट बंद कर दिया था। एबीवीपी के गुंडों ने हम पर पत्थर फेंके। हमने उनमें से दो को पकड़ लिया।”

पकड़े गए दो छात्रों में से एक छात्र विश्वविद्यालय का स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष का छात्र गौरव है। उसने पत्थर फेंकने की बात से इनकार किया और दावा किया कि जेएनयूएसयू के सदस्यों ने उसके साथ मारपीट की।

गौरव ने कहा, “मैं चाय पीने के लिए अपने दोस्तों के साथ परिसर में बाहर निकला था, तभी मैंने देखा कि बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए हैं।” उसने कहा, “कई लोगों ने मुझे घेर लिया और मुझे गर्दन से पकड़ लिया। मैंने उनसे विनती की कि मैं हृदय का मरीज हूं और घबराहट की समस्या से जूझ रहा हूं, लेकिन उन्होंने घसीटना शुरू कर दिया और मुझ पर कई आरोप लगाए।”

वह एबीवीपी से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसने दावा किया कि उसे परिसर में वृत्तचित्र दिखाए जाने की जानकारी नहीं थी। दूसरे छात्र ने दावा किया, “मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर आया था, तभी उन्होंने मुझे पकड़ लिया और परेशान किया।”

प्रदर्शनकारी छात्रों ने मंगलवार देर रात ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और जेएनयू प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए “पथराव करने वालों” के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए वसंत कुंज थाने तक मार्च निकाला। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें जेएनएसयू और एबीवीपी से शिकायतें मिली हैं। हम शिकायतों पर गौर कर रहे हैं और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

जेएनयू प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “विश्वविद्यालय में बिजली आपूर्ति लाइन में गंभीर खराबी आ गई है। हम इसकी जांच कर रहे हैं। इंजीनियरिंग विभाग कह रहा है कि इसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।” (एजेंसी)