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Published: Aug 18, 2023 02:36 PM ISTBihar Journalist Killedबिहार: पत्रकार की गोली मारकर जघन्य हत्या, CM नीतीश ने जताई चिंता, विपक्ष का सरकार पर निशाना
अररिया/पटना, बिहार (Bihar) के अररिया जिले में शुक्रवार सुबह अज्ञात लोगों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। विमल कुमार यादव (35) की प्रेमनगर गांव में उनके आवास पर हत्या कर दी गई। वह एक हिंदी दैनिक के लिए काम करते थे।
बिहार पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “हमलावरों ने सुबह करीब 5.30 बजे यादव के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उन्होंने (हमलावरों) गोलीबारी शुरू कर दी।” यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर जिला पुलिस प्रमुख और संबंधित रानीगंज थाने के प्रभारी वहां पहुंचे। अररिया के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा, “शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। जांच जारी है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों और खोजी कुत्तों को बुलाया गया है।
बताया जाता है कि विमल का पड़ोसी के साथ पुराना विवाद था। सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।” पत्रकारों ने जब घटना के बारे में पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, “मुझे वास्तव में दुख हुआ है और मैंने तुरंत संबंधित अधिकारियों को घटना की जांच करने के लिए कहा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी।” हालाँकि, विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि “बिहार में लोकतंत्र खतरे में है”। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, ‘‘अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि बिहार में निर्दोष नागरिकों, पत्रकारों और यहां तक कि पुलिसकर्मियों की भी हत्या की जा रही है।”
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अररिया में जो हुआ वह वाकई दुखद है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले ‘घमंडिया’ महागठबंधन की राज्य में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं।” भाजपा नीत राजग के साथ गठबंधन करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, “नीतीश कुमार और उनके सहयोगी चिल्लाते रहते हैं कि बिहार में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। लेकिन वे चौथे स्तंभ की रक्षा करने में असमर्थ हैं।”
हाल में समस्तीपुर में हुई एक पुलिस अधिकारी की हत्या का जिक्र करते हुए पासवान ने कहा, “आम बिहारी ने नीतीश कुमार से बहुत पहले ही सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं, लेकिन उनकी सरकार पुलिस और प्रेस की भी रक्षा नहीं कर सकती।”