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Published: Mar 17, 2023 09:19 AM IST

BrahMos Misfireजब पाकिस्तान में ‘गलती’ से गिरी 'ब्रह्मोस मिसाइल', होते-होते रह गई 'जंग'...

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नईदिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार दिल्ली HC में एक मामले की सुनवाई में केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने माना कि मार्च 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) मिसफायर होने से पाकिस्तान के साथ बड़ा युद्ध हो सकता था। दरअसल HC, इंडियन एयरफोर्स (Indian Airforce) के एक पूर्व अधिकारी की याचिका पर यह जरुरी सुनवाई कर रहा था, जिसकी सेवा ब्रह्मोस मिसाइल मिसफायर घटना के संबंध में उस समय समाप्त कर दी गई थी।

वहीं मामले पर केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बीते गुरुवार को कोर्ट में बताया कि, मिसफायर होने के चलते पाकिस्तान के साथ युद्ध हो सकता था। उन्होंने कहा कि इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत को शर्मनाक स्थिति में डाल दिया था।

जब गलती से मिसफायर हुई ‘ब्रह्मोस’

दरअसल बीते 9 मार्च, 2022 को गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई थी और यह पाकिस्तान की सीमा में जा गिरी थी। वहीं कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (COI) ने पाया कि उनके द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) से विचलन के कारण मिस फायर हुआ था। इसके बाद IAF के तीन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं थीं।

जब IAF ऑफिसर ने दायर की याचिका

इसी मामले पर फिर IAF अधिकारियों में से एक ने अपनी बर्खास्तगी को लेकर अदालत का रुख किया था। वहीं IAF अधिकारी की याचिका में कहा गया है कि, ये दुर्घटना 2403 गाइडेड वेपन्स स्क्वाड्रन की ‘A’ फ्लाइट द्वारा किए गए सिमुलेशन अभ्यास के दौरान एक कमांड एयर स्टाफ इंस्पेक्शन टीम द्वारा निर्धारित निरीक्षण दौरे के हिस्से के रूप में हुई।

IAF ऑफिसर की दलील

इसके साथ ही IAF ऑफिसर ने कहा कि, घटना के दिन वह स्क्वाड्रन में एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में तैनात थे। उन्होंने साथ ही ये तर्क दिया कि, उन्हें केवल अपने कर्तव्यों के लिए पेशेवर और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया था जो विशुद्ध रूप से रखरखाव प्रकृति के थे। उन्होंने आगे कहा कि, एक इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में उन्हें कभी भी इसे संचालन का प्रशिक्षण नहीं दिया गया।