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Published: Dec 29, 2020 05:41 PM IST

नए कोरोना का खौफ ब्रिटेन से आए नए कोरोना स्ट्रेन से भारत में है खौफ, जानें है कितना खतरनाक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अभी तक कोरोना वायरस (Corona Virus) का संकट खत्म (End) नहीं हुआ था कि ब्रिटेन (Britain) के नए कोरोना (New Corona) ने हडकंप मचा रखा है। यह कोरोना वायरस का नया रूप बताया जा रहा है। वहीं यह नया वायरस अब भारत (India) भी पहुँच चुका है। रिपोर्ट्स (Reports) के मुताबिक, कोरना वायरस का यह नया रूप करीब 70% तेजी से फैलता है और भारत में इसके 6 मरीज़ (6 Patients) भी हैं, जो हाल ही में ब्रिटेन से यात्रा (Travel) कर भारत पहुंचे हैं। इस नए वायरस का साल भर में अब तक 23 बार म्यूटेशन (Mutation) हुआ है, जो अब वैज्ञानिकों (Scientists) को डरा भी रहा है। तो आइए जानते हैं इस कोरोना वायरस के नए रूप के बारे में विस्तार से… 

कैसे बना नया वायरस? 

जब वायरस होट्स कोशिका के अंदर जाकर अपनी संख्या को बढ़ाता है तो इसके रूप में बहुत से बदलाव होते हैं। जिसे हम म्यूटेशन कहते हैं, यह एक तरह से वायरस में कॉमन होता है। जब कभी भी इसके बनने के प्रोसेस में प्रॉब्लम होती है या फिर कोड ट्रांसफर करने में गलती होती है तो फिर एक नया वायरस पैदा हो जाता है। जिसमें जेनेटिक कोड पुराने वाले वायरस से अलग होता है। जिसका नतीजा यह होता है कि इन नए वायरस के लक्षण पुराने वाले से भी अलग होते हैं। नतीजतन नया वायरस अपने वंश के वायरस के लक्षणों से अलग लक्षणों वाला होता है। वहीं ब्रिटेन में मिला नया वायरस स्ट्रेन बेहद मजबूत है। फ़िलहाल ब्रिटेन के मामलों से ये ही पता चलता है कि यह बहुत जल्दी से फैलने वाला वायरस है।

कब मिला नया वायरस ? 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कोरोना वायरस का यह नया प्रकार दक्षिण पूर्व ब्रिटेन में मिला है। जब दिसंबर के महीने में कोरोना के मामले बहुत तेज़ी से बढे तब वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की। तब पता चला कि यहाँ नया वायरस लोगों में सितंबर से ही सक्रिय था। इसके अलावा वह कहते हैं कि यह कोरोना वायरस से भी ज़्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। 

कैसी है नए वायरस की संरचना?

वैज्ञानिक बताते हैं कि, इस नए कोरोना वायरस का स्ट्रक्चर कांटेदार है। यह 8 बार म्यूटेशन से गुजर चुका है, जिसकी वजह से यह 8 गुना ज़्यादा भयानक संरचना के साथ आया है। वहीं साइंटिस्ट का कहना है कि जो वायरस कांटेदार संरचना वाले होते हैं, वह आसानी से और जल्दी शरीर में घुस जाते हैं। इसकी यह कांटेदार संरचना ही हमारे लिए घातक साबित हो सकती है।  

क्या नया वायरस ज़्यादा खतरनाक है?

कोरोना के नए वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि यह पहले वाले कोरोना से ज़्यादा भयानक हो सकते हैं। शुरूआती समय में मिले डाटा के मुताबिक यह वायरस ज़्यादा संक्रामक हो सकते हैं। यह नया वायरस बस कुछ ही हफ़्तों में पुराने कोरोना वायरस को नए वायरस में तब्दील कर देते हैं। वहीं आ रहे नए कोरोना के मामले 60 प्रतिशत इसी वायरस स्ट्रोन की देन मानी जा रही है। इम्पीरियल कॉलेज लंदन के हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि म्यूटेशन से गुजरा यह नया वायरस 50 से 70 प्रतिशत तक ज्यादा तेजी से फैल सकता है। हालांकि,  इस बात कि पक्की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। 

क्या यह जानलेवा हो सकता है?

यह नया वायरस जानलेवा है या नहीं अभी तक इसके बारे में ज़्यादा पता नहीं चला है। क्योंकि इसके बारे में अभी रिसर्च करना बाकी है। लेकिन यह नया वायरस लोगों को बुरी तरह बीमार ज़रूर कर सकता है। यह बात इसलिए साबित हुई है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में इसी वायरस के कारण मरीज़ों में वायरस का लोड बहुत ज़्यादा दिखा है। साथ ही यह इम्युनिटी को और भी ज़्यादा कमज़ोर कर रहा है।

क्या भारत में भी आ चुका है कोरोना का नया वायरस?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, बेंगलुरु के NIMHANS में ब्रिटेन से लौटे तीन लोगों का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया था, जिसमें ये नया स्ट्रेन मिला है। इसके अलावा दो लोगों का सैंपल सेंटर फॉर सैल्यूलर ऐंड मोलोकूलर बायोलॉजी, हैदराबाद में पॉजिटिव पाया गया। वहीं एक व्यक्ति का सैंपल नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में जांच के लिए भेजा गया था। टेस्ट रिपोर्ट में वह व्यक्ति कोरोना के नए स्ट्रेन से पीड़ित पाया गया है। मंत्रालय ने बताया कि सभी मरीज़ अगल-अलग आइसोलेशन में रखे गए हैं।

क्या होगा नए वायरस पर वैक्सीन का असर?

अभी इस बारे में कुछ भी सही तरह से पता नहीं चल पाया है। हालांकि, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि नए वायरस पर भी वैक्सीन का उतना ही असर होगा जितना यह पुराने वायरस पर करेगा। वहीं मॉडर्ना और फाइज़र वैक्सीन सीधे वायरस की कांटेदार संरचना पर वार कर उन्हें खत्म करने का काम करती हैं। साथ ही भारत के प्रधान वैज्ञानिक के विजय राघवन के अनुसार, “हमारे देश में और बाहर भी जो वैक्सीन तैयार की जा रही हैं, ये यूके और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए नए वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगी।”