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Published: Nov 25, 2023 07:50 PM IST

Caste Census जातिगत जनगणना जरूरी, कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा- केंद्र को इसे जनगणना के साथ ही कराना चाहिए

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
पी. चिदंबरम (फाइल फोटो)

कोलकाता: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने शनिवार को कहा कि किसी भी आरक्षण के लाभ के संदर्भ में कोई निर्णय लेने से पहले जातिगत सर्वेक्षण जरूरी (Caste Census) है और इसे केंद्र सरकार को जनगणना (Census) के साथ कराना चाहिए। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जनगणना नहीं कराई है जो 2021 में होनी चाहिए थी और वह 2024 के आम चुनाव के बाद तक इसे टाल सकती है।     

उनका यह बयान बिहार सरकार द्वारा जातिगत सर्वेक्षण कराने और वंचित वर्गों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करने के कुछ दिनों बाद आया है। चिदंबरम का कहना था, ‘‘मुझे लगता है कि अगर आरक्षण है, तो जातिगत गणना आवश्यक है। मेरे हिसाब से इसे राष्ट्रीय जनगणना के साथ किया जाना चाहिए। लेकिन इन लोगों (भाजपा) ने 2021 की राष्ट्रीय जनगणना नहीं कराई है। वे 2024 के चुनावों से पहले ऐसा नहीं करेंगे।” उन्होंने अपनी पार्टी के उस वादे का जिक्र किया कि अगर वह केंद्र में सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय जनगणना और जाति सर्वेक्षण एक साथ कराएगी।   

चिदंबरम ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि वह अलग से जाति जनगणना नहीं कराएंगे और उन्होंने केंद्र से इसे राष्ट्रीय जनगणना के साथ करने की अपील की है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ एक अलग जाति जनगणना करा रहा है, कर्नाटक पहले ही एक अलग जाति जनगणना कर चुका है, ओडिशा ने घोषणा की है कि वह अलग से जाति जनगणना कराएगा। यह अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होगा।”   

उनके अनुसार, राष्ट्रीय जनगणना केवल केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘राज्य सरकारें राष्ट्रीय जनगणना नहीं करा सकती हैं। इसलिए उन्होंने जाति जनगणना करने का फैसला किया है। लेकिन सही बात यह है कि 1931 की तरह जनगणना कराई जाए जिसमें लोगों से जाति के बारे में पूछा गया था। 1941 और 2011 के बीच हुई जनगणना के दौरान आपने वह (जाति का) प्रश्न छोड़ दिया। लेकिन अब यदि आप राष्ट्रीय जनगणना कर रहे हैं तो आपको जाति सर्वेक्षण अवश्य करना चाहिए।” पूर्व मंत्री ने कहा कि जातिगत सर्वेक्षण के बिना यह पता कर पाना संभव नहीं है कि कितने लोग आरक्षण के लाभ से दूर हैं। (एजेंसी)