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Published: Dec 24, 2020 02:28 PM ISTटॉय ट्रेनटूरिस्टों को मिला 'क्रिसमस' का तोहफा, आज से दार्जिलिंग में चलेगी 'टॉय ट्रेन'
कोलकाता/सिलीगुड़ी. अगर आप कोरोना (Corona) काल में घर बैठे-बैठे बोर हो चुके हैं और अब कहीं घूमने जाने का प्लान भी बना रहे हैं तो यह खुश खबरी आपके लिए ही है। अब नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (North East Frontier Railway) ने पर्यटकों को क्रिसमस (Christmas) का तोहफा दिया है। दरअसल, कोरोना संक्रमण की वजह से बंद पड़ी दार्जिलिंग टॉय ट्रेन (Darjeeling Toy Train) सेवा अब 25 दिसंबर यानी क्रिसमस पर फिर से शुरू हो रही है। यह ट्रेन दार्जिलिंग (Darjeeling) और घूम (Ghum) स्टेशन के बीच चलेगी।
जी हाँ, पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने दार्जीलिंग हिमालयी रेल की ट्वाय ट्रेन सेवा आज यानी क्रिसमस के मौके पर फिर दोबारा शुरू होगी। गी।
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी दार्जीलिंग एवं घुम के बीच इन ट्रेनों का परिचालन दोबारा शुरू करने की अनुमति दी है।” उन्होंने कहा कि बाद में यात्रियों की मांग के आधार पर सेवाओं की संख्या में वृद्धि की जा सकती है । एनएफआर के अधिकारी ने बताया कि दार्जीलिंग हिमालयी रेल की 88 किलोमीटर की पूर्ण सेवा बहाल करने के बारे में राज्य सरकार से आवश्यक अनुमति मिलने के बाद विचार किया जायेगा । कोरोना वायरस महामारी के कारण देश भर में मार्च में लॉकडाउन की घोषणा के बाद ट्वाय ट्रेन सेवा रोक दी गयी थी ।
दार्जिलिंग हिमालयी रेल (Darjeeling Himalayan Railway), जिसे “टॉय ट्रेन” के नाम से भी जाना जाता है भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली एक छोटी लाइन की रेलवे प्रणाली है। इसका निर्माण 1879 और 1881 के बीच हुआ था और इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर (48 मील) है।
इसकी उन्नयन (ऊँचाई) स्तर न्यू जलपाईगुड़ी में लगभग 100 मीटर (328 फीट) से लेकर दार्जिलिंग में 2,200 मीटर (7,218 फुट) तक है। इस रेलवे को यूनेस्को द्वारा नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका शिमला रेलवे के साथ भारत की पर्वतीय रेल के रूप में विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इस रेलवे का मुख्यालय कुर्सियांग शहर में है।