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Published: Mar 19, 2021 12:40 PM ISTCovid Vaccinesकोविड टीके पूरी तरह सुरक्षित, भ्रमित होने की जरूरत नहीं : डॉ. हर्षवर्धन
नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan Singh) ने कोरोना वायरस (Covid Vaccines) के टीकों को लेकर अनेक लोगों के मन में पैदा हो रहीं आशंकाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी गयी है और हमें इन पर विश्वास करना चाहिए।
हर्षवर्धन ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि देश-दुनिया में बहुत सारे लोगों के मन में आशंका है कि कोरोना वायरस का टीका आने वाले समय में नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा? उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में जिन दो टीकों कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) को इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है, वे सुरक्षा, प्रभावशीलता और प्रतिरक्षा क्षमता पैदा करने के मानदंडों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।” निचले सदन में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) के पूरक प्रश्नों के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि देशवासियों को कोविड टीकों को लेकर कोई भ्रम नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे वैज्ञानिक परीक्षणों और अध्ययनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने टीकों की जो सुविधा उपलब्ध कराई है, उसका सभी को लाभ उठाना चाहिए और अपने निवास स्थान के पास के निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लगवाकर सभी को सुरक्षित करना चाहिए।
बिट्टू ने कोरोना टीकों से भविष्य में लोगों के डीएनए पर दुष्प्रभाव पड़ने संबंधी आशंकाओं पर पूरक प्रश्न पूछा था। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज के समय में कई बीमारियों से होने वाली मौत को टीके लगाकर रोका जा सकता है। टीकों की मदद से ही देश में चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को समाप्त किया गया है और केवल दो देशों में पोलियो थोड़ा बचा है और वह भी जड़ से समाप्त होने की ओर है। उन्होंने कहा कि कई स्तर पर अनेक लोगों पर वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद टीकों को समाज में इस्तेमाल की मंजूरी दी जाती है। हर्षवर्धन ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के आधार पर विशेषज्ञ समितियां टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी देती हैं। उन्होंने बताया कि टीकों का पूरी दुनिया में सात स्थानों पर स्वतंत्र तरीके से आकलन होता है जिनमें फरीदाबाद स्थित जैवप्रौद्योगिकी संस्थान भी है।
हर्षवर्धन ने कहा कि देश में अब तक लगभग साढ़े तीन- चार करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है और इसका महज .000432 प्रतिशत प्रतिकूल प्रभाव होने की खबरें हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी जाती है तो हमें विश्वास करना चाहिए । हम देश के लोगों को कहना चाहते हैं कि टीकों को लेकर कोई भ्रम नहीं रखें। आज जो सुविधा सरकार ने उपलब्ध कराई है, उसका लाभ उठाते हुए पास के निजी या सरकारी अस्पताल में जाकर टीका लगवाकर सभी को सुरक्षित करिए।” देश में सभी को टीके लगाने के संबंध में सरकार की योजना के राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि हर टीके को वैज्ञानिक आधार पर सार्वभौम टीकाकरण में शामिल करने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा आवश्यकता के आधार पर टीके लगवाने वाली श्रेणियों की प्राथमिकता तय करनी होती है।(एजेंसी)