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Published: Jan 10, 2020 11:01 AM IST

देशCAA: कांग्रेस और माकपा ने TMC को किया भाजपा की ''B'' टीम करार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर CAA और NRC को लेकर विपक्षी दलों कांग्रेस और माकपा ने आरोप लगाते हुए उसे भाजपा की ‘बी’ टीम करार दिया हैं। विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के बाद कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि TMC ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की विपक्षी दलों की मांग को ‘मनमाने ढंग’ से ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि ‘अगर तृणमूल कांग्रेस CAA और NRC के विरोध को लेकर गंभीर है, तो उसे प्रस्ताव पारित करने से किसने रोका है? ये दर्शाता है कि वह भाजपा की ‘बी’ टीम बन गई है।’ 

CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के लिए कांग्रेस और माकपा ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय के साथ बातचीत की साथ ही सभी संसदीय मापदंडों का पालन भी किया था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज उन्होंने कहा कि इसे पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि मुख्यमंत्री ने पिछले साल सितंबर में विधानसभा में इस मामले पर चर्चा की थी। क्या सितंबर में सीएए पारित हो गया था? हमने यह सुझाव भी दिया कि TMC द्वारा प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। अतीत में कभी भी किसी भी सत्तारूढ़ दल ने इस तरह विधानसभा का इस्तेमाल नहीं किया।’’

माकपा नेता सुजान सिंह चक्रवर्ती ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह 13 जनवरी को CAA के विरोध में नई दिल्ली में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगी। वह भाजपा के विभाजनकारी कानून के खिलाफ हो रही बैठक में शामिल नहीं होना चाहतीं, जिसमें सभी विपक्षी दल शामिल होंगे। बैठक होकर रहेगी, जिसके बाद वह जनता के सामने बेनकाब हो जाएंगी।’ 

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के मध्यग्राम में CAA और NRC के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाला था साथ ही वह लंबे समय से इसका विरोध प्रदर्शन करते आ रही हैं। ममता शुरू से ही CAA और NRC विरोध में प्रदर्शन कर रही थी और अब एकाएक कमान हाथ में होने के बाद भी वह प्रस्ताव को पारित नहीं कर रही हैं। तो क्या यह कहा जाना ठीक है की ममता एक बार फिर भाजपा की तरफ झुक रही हैं इसलिए वह किसी फैसले पर नहीं आ पाई हैं। राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता हैं इसलिए अब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और रांकपा मिलकर TMC पर दबाव बना रहे हैं ताकि जल्द से जल्द (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा सके।