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Published: Jan 11, 2023 09:02 PM IST

Book Launch Event'कांग्रेस का देश की आजादी के आंदोलन में बड़ा योगदान है लेकिन....', बुक लॉन्च इवेंट में बोले अमित शाह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Photo: @ANI/ Twitter

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ‘क्रांतिकारियों’ पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान अमित शाह ने कहा, “कांग्रेस का देश की आजादी के आंदोलन में बड़ा योगदान है लेकिन और किसी का नहीं है। ये बात ठीक नही है। 1857 की लड़ाई को गदर आंदोलन के नाम से जाना जाता था। वीर सावरकर पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने इसे आजादी की पहली लड़ाई करार दिया था। वहीं से सशस्त्र क्रांति का नैरेटिव बना था। इस आंदोलन की वजह से आजादी की लड़ाई में तेजी आई।”

इतिहास निर्मम, उसे तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता

बुक लॉन्च करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि, ‘स्वतंत्रता के इतिहास के भारतीय परिप्रेक्ष्य को रखने में खामियां रही हैं। इतिहास को अंग्रेजों के नजरिए से देखा जाता था और उसी तरह लिखा जाता था इसलिए भ्रम है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘इतिहास निर्मम होता है, उसे तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता। यह एक अंधेरी रात में बिजली की तरह चमकता है और आखिरकार, यह बाहर आता है और इसे स्वीकार करना पड़ता है। भारत की आजादी के इतिहास को कोई दबा या छुपा नहीं सकता।’

उन्होंने कहा कि, ‘हमेशा से कहा गया कि इस देश का इतिहास गलत लिखा है। कोई इसके लिए वामपंथियों को दोषी ठहराता है, कोई अंग्रेजों को। कोई कांग्रेस को भी लपेटे में ले लेता है लेकिन अब किसने रोका है। आज इस मंच से इतिहास के छात्रों और अध्यापकों का आह्वान करता हूं कि आप इस देश के सही इतिहास को सामने लाइए।”

उन्होंने यह भी कहा कि, जिस देश की पीढ़ी को अपनी विरासत पर गर्व नहीं होता है, वो कभी देश को महान नहीं बना सकती। गुलामी के काल में प्रस्थापित,परंपरा, मान्यता और सोच को लेकर जो चलते हैं वो राजनीतिक गुलामी से मुक्त हो सकते हैं मगर देश की सोच को गुलामी से मुक्त नहीं कर सकते।”

लोगों की शहादत झुठला नहीं सकते: अमित शाह

अमित शाह ने  कहा, “आजादी की लड़ाई में इतिहासकारों ने आंदोलनकारियों को चरमपंथियों बनाम नरमपंथियों के रूप में श्रेणीबद्ध किया, लेकिन अरविंद बोस ने उस समय एक अलग सूत्र दिया था। वो था Nationalist बनाम loyalists। हमें इसको भी देखना चाहिए। मै फिर कह रहा हूं इस देश को आजाद कराने में कितने लोगों की शहादत, लोगों का खून शामिल है। उसे हम झुठला नहीं सकते हैं।”