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Published: May 17, 2021 12:19 PM IST2DG Launch DRDO द्वारा बनाई गई कोरोना की दवा 2DG लॉन्च, जल्द मरीजों तक पहुंचेगी
नई दिल्ली: देश में कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों के लिए DRDO द्वारा बनाई गई दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2DG) लॉन्च कर दी गई है। इस लॉन्चिंग के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने दवा का पहला लॉट जारी किया। इस मौके पर AIIMS के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया को पहली खेप सौंपी गई।
लॉन्चिंग के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हम चैन से नहीं बैठेंगे और थकेंगे भी नहीं, हम लड़ते रहेंगे और कोविड-19 के खिलाफ ज़रूर जीतेंगे। पीएम के नेतृत्व में सामूहिक प्रयास से ऑक्सीजन उत्पादन की समस्या का समाधान किया गया है। अब दवा का मसला भी नहीं रहा।”
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, DRDO के समर्थन और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में, यह (एंटी-कोविड ड्रग 2DG) कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए हमारा पहला स्वदेशी शोध-आधारित परिणाम हो सकता है। इससे ठीक होने में लगने वाला समय और ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी।”
दवा अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की तेजी से रिकवरी में मदद कर सकती है
देश में उठी कोरोना की दूसरी लहर के चलते कई लोगों को ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ रही है। ऐसे में देश के कई हिस्सों में पिछले दिनों ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ा है। ऑक्सीजन की कमी के चलते कई लोगों को जान भी गवानी पड़ी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के दावों के मुताबिक, यह दवा अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की तेजी से रिकवरी में मदद कर सकती है और बाहर से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता को कम करेगी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 8 मई को इस दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
अगले महीने से इस दवा का बड़ी मात्रा में उत्पादन
इस दवा को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा विकसित किया गया है। केंद्र सरकार के मुताबिक, अगले महीने से इस दवा का बड़ी मात्रा में उत्पादन डॉ रेड्डीज लैब द्वारा किया जाएगा। यह दवा पाउडर के रूप में छोटे-छोटे पैकेट में उपलब्ध होगी, जिसे पानी में मिलाकर लिया जा सकेगा।
दवा से अस्पताल में भर्ती मरीज जल्दी ठीक हुए
रक्षा मंत्रालय ने दवा के असर के बारे में बताया था कि क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों के मुताबिक, इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीज जल्दी ठीक हुए और उनकी अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हुई है।