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Published: Jul 09, 2020 04:52 PM IST

आत्मसर्मपणदुबे की गिरफ्तारी सुनियोजित आत्मसमर्पण: DSP के रिश्तेदार का दावा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कानपुर/लखनऊ. कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी होने से कुछ दिन पहले मुठभेड़ में मारे गये पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा के एक करीबी रिश्तेदार ने दावा किया है कि ”यह पूरी तरह सुनियोजित आत्मसर्मपण है, ताकि उसे मारे जाने से बचाया जा सके।” मिश्रा के करीबी रिश्तेदार कमलकांत मिश्रा ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”यह गिरफ्तारी पूरी योजना बना कर की गयी है । विकास दुबे 12 घंटे पहले फरीदाबाद में था और केवल 12 घंटे में उज्जैन के महाकाल (मंदिर) पहुंच गया । पुलिस गिरफ्तार करने गयी, तो वह अपने साथ मीडिया को लेकर गयी। आप लोगो ने इस तरह से कितनी गिरफतारियां देखी है?।”

उन्होंने दावा किया, ”यह गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि उसे मौत से बचाया गया है । यह आत्ममर्पण पूरी तरह से सुनियोजित है ।” उन्होंने कहा, ‘‘ परिवार को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता है, लेकिन अगर अपराधी गिरफ्तार हो गया है तो यह हम सबके लिये संतोष की बात है । मैं नहीं समझता कि कहानी यहीं खत्म हो गयी, अभी तो यह शुरूआत है ।” कमलकांत ने कहा, ” मुठभेड़ में जो आठ पुलिसकर्मी मारे गये उसमें केवल विकास और उसके गिरोह अकेले शामिल नही थे, बल्कि कुछ अन्य लोग भी शामिल थे जो उसे अब तक बचा रहे हैं । दुबे ने उन्हीं लोगों की सलाह पर आत्मसर्मपण किया है ।”

इसबीच, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और आईजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट में कहा, ”हम विकास दुबे को गिरफतार नहीं कर पाए और उसने उज्जैन में आत्मसमर्पण कर दिया । इतनी बड़ी घटना के बाद भी हम उसे गिरफ्तार नहीं कर सकें और वह कई स्थानों पर घूमता हुआ सुदूर स्थान तक चला गया । मुझे लगता है कि इस बिंदु की गहराई से जांच होनी चाहिए ।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”हो सकता है कल वह यूपी पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश करे, मारा जाये। इस तरह विकास दूबे अध्याय बंद हो जायेगा, किन्तु मेरी निगाह में असल जरुरत इस कांड से सामने आई यूपी पुलिस के अन्दर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उस पर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है।”(एजेंसी)