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Published: Mar 07, 2024 12:13 PM IST

Ex-DU Professor Saibaba Maoist Link Case डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा हुए रिहा, 2017 से नागपुर जेल में थे बंद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Ex-DU professor Saibaba Maoist link case

नागपुर: माओवादियों से कथित संबंध के मामले में बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) द्वारा बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा (G. N. Saibaba) को गुरुवार को नागपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। अदालत ने साईबाबा को मंगलवार को बरी किया था। उन्हें कथित माओवादी संबंध मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 

साईबाबा 2017 से जेल में थे बंद

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक अधीनस्थ अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद साईबाबा 2017 से यहां जेल में बंद थे। इससे पहले, वह 2014 से 2016 तक इस जेल में थे और बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले साईबाबा ने जेल से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मेरा स्वास्थ्य बहुत खराब है। मैं बात नहीं कर सकता। मुझे पहले इलाज कराना होगा और उसके बाद ही मैं बात कर पाऊंगा।

आजीवन कारावास की सजा रद्द 

जेल के बाहर उनके एक परिजन इंतजार कर रहे थे। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने साईबाबा की सजा को रद्द करते हुए मंगलवार को कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा। अदालत ने 54 वर्षीय साईबाबा को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया और गैरकानूनी गतिविधियां (Prevention) अधिनियम (UAPA) के तहत अभियोजन की मंजूरी को अमान्य ठहराया। 

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने कथित माओवादी संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साईबाबा और एक पत्रकार तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक छात्र सहित पांच अन्य लोगों को मार्च 2017 में दोषी ठहराया था। (एजेंसी)