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Published: Mar 05, 2021 01:04 PM IST

Lalu Yadav Jail जेल से 'बेल' की आस में बैठे लालू यादव को बड़ा झटका, जानिए क्यों बढ़ी सजा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. प्राप्त ख़बरों के अनुसार बिहार चारा घोटाले (Fodder Scam) में सजायाफ्ता बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को लेकर आज कोर्ट ने दो अहम फैसले दिए है। इसके अनुसार लालू यादव को दिल्ली एम्स (AIIMS) में इलाज़ के लिए अब और चार हफ़्तों का समय मिला है। वहीँ अब इसके चलते इउनकी सजा को चार हफ्ते और भी बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही लालू यादव फ़ोन कॉल प्रकरण की जांच में अब अफसरों की भी लापरवाही भी सामने आई है, जिन पर उचित कार्रवाई की सिफारिश भी इस रिपोर्ट भी की गई है।

दिल्ली के AIIMS में एडमिट हैं लालू यादव:

गौरतलब है कि दिल्ली के AIIMS में एडमिट लालू यादव की तबीयत फिलहाल स्थिर तो है, लेकिन उनके कुछ अंग अभी भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों की टीम के अनुशंसा के बाद जेल IG बिरेंद्र भूषण ने लालू यादव के बेहतर इलाज के लिए 4 हफ्ते की और सजा अवधि भी और बढ़ा दी है।  इसपर जेल सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर का कहना था कि लालू यादव को एक महीने के लिए IG जेल द्वारा इलाज के लिए दिल्ली AIIMS भेजा गया था, लेकिन वहां के डॉक्टरों की टीम ने लालू के इलाज के लिए 3 से 4 हफ्ते का और अतिरिक्त समय मांगा है। जिसे जेल IG ने स्वीकार भी कर लिया है और अब लालू के बेहतर इलाज के लिए अतिरिक्त 4 हफ्ते की  सजा अवधि और बढ़ाई गई है।

लालू फोन कॉल प्रकरण में पुलिसकर्मी ही दोषी:

इधर दुसरे फैसले के अनुसार लालू प्रसाद यादव के मोबाइल पर किये बातचीत प्रकरण में पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि लालू की सुरक्षा में जो जो पुलिसकर्मी और अधिकारी लगाए गए थे, अब उनकी ही उक्त मामले में लापरवाही सामने आई है। 

क्या है रिपोर्ट में:

इस जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है कि लालू की सुरक्षा में तैनात जवानों की लापरवाही से ही मोबाइल उन तक तक पहुंचा था। दरअसल रिपोर्ट के अनुसार लालू यादव की सुरक्षा में तैनात रांची पुलिस के जवानों को ठीक ढंग से तलाशी नहीं ली जाने के वजह से फोन के सेवादारों या अन्य लोगों के माध्यम से लालू तक मोबाइल संभवत पहुंचा था, जिससे लालू यादव ने बात की होगी। 

इस पर बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार के जेल सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर ने अपनी तरफ से बताया कि उन्होंने जो जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है, उसमे लालू की सुरक्षा में तैनात पुलिस कुछ पदाधिकारी और कुछ पुलिसकर्मी ही दोषी पाए गए हैं। उनका यह भी कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के द्वारा जिस वक़्त कॉल किया गया, उस समय का मिलान ड्यूटी रोस्टर से भी अब किया जायेगा और दिशी पुलिस कर्मीयों को नहीं बक्शा जाएगा।