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Published: Feb 03, 2022 04:37 PM ISTPoliticsपूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का राहुल गांधी पर कटाक्ष, कहा- चीन-पाकिस्तान 1960 से करीब, कश्मीर मुद्दे को उनके नाना ले गए यूनाइटेड नेशन
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन और पाकिस्तान को लेकर दिए अपने बयान पर लगातार घिरते जा रहे हैं। एक ओर भारतीय जनता पार्टी इतिहास को लेकर हमलावर हैं, वहीं अब उनकी पार्टी के नेता भी उनके बयान पर सवाल उठाने लगे हैं। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने राहुल के बयान को गलत बताते हुए कहा कि, “चीन और पाकिस्तान मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब नहीं आए है, बल्कि 1960 से वह करीब हैं। इसी के साथ उन्होंने राहुल पर तंज कस्ते हुए कहा कि, उनके नाना जवाहर लाल नेहरू कश्मीर मुद्दे को यूनाइटेड नेशन लेकर गए।”
सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कहा, “मुझे आश्चर्य है कि सरकार की ओर से कोई भी राहुल गांधी को यह याद दिलाने के लिए नहीं उठा कि उन्होंने जो कहा है वह पूरी तरह सटीक नहीं है क्योंकि चीन और पाकिस्तान 60 के दशक से करीबी सहयोगी रहे हैं।”
उनके दादा के विश्वास के कारण हुआ हमला
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह ने राहुल गांधी की अज्ञानता पर कटाक्ष किया और कहा, “यह उनके परदादा (भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू) के समय में शुरू हुआ था। उनका परदादा कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले गए और यह अब भी है। उनके परदादा ने चीन पर इतना विश्वास किया था कि जब चीनियों ने हम पर हमला किया तो हम तैयार नहीं थे। ये ऐतिहासिक तथ्य हैं और कोई भी उन्हें नहीं बना रहा है।”
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राहुल गांधी के बयान का खंडन करते हुए पूर्व विदेश मंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत दुनिया में अलग-थलग नहीं है और उसके पड़ोसियों के साथ पहले से ज्यादा अच्छे संबंध हैं।
जयशंकर ने पूरा जीवन विदेश नीति से निपटने में बिताया
विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा राहुल गांधी को इतिहास याद दिलाकर दिए जवाब की सराहना कि,जिसमें जयशंकर उन्होंने कहा था कि, “कुछ इतिहास के सबक क्रम में हैं” और पाकिस्तान ने 1963 में शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से चीन को सौंप दिया, जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। “हम अलग-थलग नहीं हैं। हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं और हमारी विदेश नीति विफल नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हमारे पास एक विदेश मंत्री हैं जिन्होंने अपना सारा जीवन विदेश नीति से निपटने में बिताया है। हमारे विदेश मंत्री को अच्छी तरह से सूचित किया गया था और मुझे खुशी है कि उन्होंने जवाब दिया। इसी के साथ पूर्व विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि, “भारत अब उनके (पाकिस्तान और चीन) हमले को खदेड़ने के लिए काफी मजबूत है और “अगर वे भारत पर हमला करने के बारे में सोचते हैं तो इसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे।”
हम पर हमला किया तो बहुत गंभीर होंगे परिणाम
पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, “चीन और पाकिस्तान अपनी सीमाओं के पास सड़कें बनाई हैं और वे पूरी तरह से हकदार हैं। लेकिन फिलहाल, वे यह भी जानते हैं कि अगर वे हम पर हमला करते हैं, तो इसके बहुत गंभीर परिणाम होंगे क्योंकि हम उतने कमजोर नहीं हैं हम 1962 में थे। उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में कोशिश की और भारतीय सेना ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इसलिए, यह सरल है, मुझे भारत के लिए सुरक्षा खतरा नहीं दिखता। हमें तैयार रहना चाहिए और हम तैयार हैं।”
अमेरिका का रुख बेहद सही
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस द्वारा पाकिस्तान को अपने सहयोगी के रूप में संदर्भित करने के संबंध में दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह (नेड प्राइस) बिल्कुल सही हैं क्योंकि वे इसमें शामिल नहीं होना चाहते हैं। किसी के लिए भी विदेश विभाग, यह सही बयान है और यह पाकिस्तान और चीन को जवाब देना है। अब, वे जवाब देंगे या नहीं, मुझे नहीं पता।