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Published: Aug 09, 2021 06:08 PM IST

Pegasus सरकार ने राज्यसभा में दिया जवाब- पेगासस बनाने वाली कंपनी से रक्षा मंत्रालय की कोई डील नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली:  पेगासस जासूसी विवाद (Pegasus Spy Case) के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।  रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस के साथ कोई लेन-देन किया था। भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस़ के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।”  

उल्लेखनीय है कि इजराइल की निगरानी सॉफ्टवेयर कंपनी एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में लोगों के फोन पर नजर रखने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लग रहे हैं। पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।  

आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीयों की जासूसी के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल संबंधी मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए आरोपों का मकसद भारतीय लोकतंत्र की छवि को खराब करना है।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।       

संसद के दोनों सदनों में दिये गए अपने एक बयान में वैष्णव ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।     

 सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का यह बयान मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर था कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित कई भारतीयों की निगरानी के लिये पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग किया गया था।(एजेंसी)