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Published: May 04, 2021 02:20 PM IST

HC Remdesivirहाई कोर्ट का नेताओं के रेमडेसिविर खरीदने, वितरण करने के मामले की पुलिस को जांच का निर्देश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नयी दिल्ली.  दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेमेडेसिविर (Remdisivir) को राष्ट्रीय राजधानी में नेताओं द्वारा कथित तौर पर खरीदे और वितरित किए जाने की घटनाओं की जांच करने और अपराध के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कदम उठाने के मंगलवार को निर्देश दिए। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि अदालत अभी इस समय इन आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे सकता। पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में आने वाली घटनाओं को देखते हुए हम याचिकाकर्ता को अपनी शिकायतें दिल्ली पुलिस आयुक्त के समक्ष रखने का निर्देश देते हैं जो इसकी जांच करेंगे और याचिकाकर्ता को जवाब देंगे।”

अदालत ने कहा कि अगर किसी अपराध का पता चलता है तो पुलिस प्राथमिकी दर्ज करें। अदालत ने दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के भीतर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए और मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की। अदालत उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नेताओं के कोविड-19 के इलाज के लिए रेमडेसिविर खरीदने और वितरित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और इनकी सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जब मरीज इस दवाई के लिए जगह जगह भटक रहे हैं तो नेताओं को यह दवाई कैसे मिल रही है। याचिकाकर्ता हृदृय फाउंडेशन के अध्यक्ष और राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज दीपक सिंह ने सवाल किया कि नेता ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत आवश्यक अनुमति के बिना बड़ी मात्रा में दवाइयां कैसे खरीद पा रहे हैं जबकि आम जनता को यह दवा नहीं मिल रही है। 

सिंह की ओर से पेश हुए वकील विराग गुप्ता ने आरोप लगाया कि नेता बड़े पैमाने पर रेमडेसिविर जैसी अहम दवाइयों की जमाखोरी करने और उनके वितरण में शामिल हैं इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘‘राजनीतिक दल अपनी राजनीतिक शक्तियों का फायदा उठा रहे हैं और मेडिकल माफिया को संरक्षण दे रहे हैं।” याचिका में प्राथमिकी दर्ज करने और सीबीआई जांच के अलावा ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के तहत कोविड-19 दवाओं की काला बाजारी में शामिल लोगों को हिरासत में लेने तथा कोविड-19 दवाओं की जमाखोरी तथा अवैध वितरण में शामिल पाए जाने वाले सांसदों तथा विधायकों को अयोग्य करार देने” का भी अनुरोध किया गया है।