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Published: Jun 15, 2021 04:14 PM IST

Corona Deathजांच समिति ने किया खुलासा, वैक्सीन से गई एक व्यक्ति की जान, 30 की जांच शुरू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नयी दिल्ली: कोविड-19 रोधी टीकों (Covid Vaccine) के दुष्प्रभावों का अध्ययन कर रही सरकार की एक समिति ने टीकाकरण (Vaccination) के बाद ऐनफलैक्सिस (जानलेवा एलर्जी) (Anaphylaxis) की वजह से मृत्यु के पहले मामले की पुष्टि की है। कोविड-19 का टीका लगाये जाने के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) से मौत के 31 गंभीर मामलों का समिति ने मूल्यांकन किया। राष्ट्रीय एईएफआई समिति (National AEFI Committee) की रिपोर्ट के अनुसार 68 साल के एक व्यक्ति को 8 मार्च, 2021 को टीका लगाया गया था, जिसके बाद गंभीर एलर्जी होने से उनकी मृत्यु हो गयी।

समिति के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह कोविड-19 से जुड़ा ऐनफलैक्सिस से मृत्यु का पहला मामला है। इससे यह बात और पुख्ता होती है कि टीके की खुराक लगवाने के बाद टीकाकरण केंद्र पर 30 मिनट तक इंतजार करना जरूरी है। अधिकतर ऐनफलैक्टिक प्रतिक्रियाएं इसी अवधि में होती हैं और तत्काल उपचार से रोगी को मृत्यु से बचाया जा सकता है।”

समिति ने पांच ऐसे मामलों का अध्ययन किया, जो पांच फरवरी को सामने आए थे, आठ मामले नौ मार्च को और 18 मामले 31 मार्च को सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के पहले सप्ताह के आंकड़ों के अनुसार, टीके की प्रति दस लाख खुराकों में मृत्यु के मामले 2.7 हैं और प्रति दस लाख खुराकों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 4.8 है।

समिति ने कहा कि केवल मृत्यु होना या रोगी का अस्पताल में भर्ती होना इस बात को साबित नहीं कर देता कि ये घटनाएं टीका लगवाने के कारण हुईं। समिति के अनुसार कुल 31 मामलों में से 18 मामलों का टीकाकरण से कोई लेना-देना नहीं पाया गया, 7 मामलों को अनिश्चित की श्रेणी में रखा गया, तीन मामले टीके के उत्पाद से संबंधित थे, मृत्यु का एक मामला चिंता और बेचैनी से जुड़ा पाया गया और दो मामलों को किसी श्रेणी में नहीं रखा गया।

इसमें कहा गया है कि टीके के उत्पाद से संबंधित प्रतिक्रिया से आशय उन अपेक्षित प्रतिक्रियाओं से हैं जो मौजूदा वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर टीकाकरण के कारण हो सकती हैं। इनमें एलर्जी और ऐनफलैक्सिस आदि आती हैं। समिति ने कहा कि टीकाकरण के फायदे इससे नुकसान के मामूली जोखिम की तुलना में बहुत ज्यादा हैं। पूरी सावधानी बरतते हुए नुकसान के सभी संकेतों पर लगातार नजर रखी जा रही है और समय-समय पर उनकी समीक्षा की जा रही है।(एजेंसी)