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Published: Nov 23, 2021 08:48 PM IST

Lord Shankar Damaged IdolISIS ने भारत के मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ने की रची साजिश! पत्रिका में छापी शंकर भगवान की क्षतिग्रस्त मूर्ति की तस्वीर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Photo: Social Media

नई दिल्ली. वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस दुनियाभर में अशांति फैलाने के लिए जाना जाता है। उसने अब भारत में अशांति फैलाने की साजिश रची है। उसने अपनी पत्रिका ‘वॉइस ऑफ हिंद’ में भगवान शिव की सिर कटे तस्वीर के साथ नया अंक जारी किया और भारत के मंदिरों की मूर्तियां खंडित करने का आवाहन किया है। संगठन ने जो मूर्ति अंक में साझा की है वह कर्नाटक के मुरुदेश्वर महादेव की है। यह फोटो कंप्यूटर पर एडिट की गई है। लेकिन वह फोटो वायरल होने के बाद राज्य में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील तटीय जिले उत्तर कन्नड़ में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। 

आतंकी संगठन ISIS ने अपनी पत्रिका ‘वॉइस ऑफ हिंद’ में भगवान शिव की क्षतिग्रस्त मूर्ति की डिजिटल फोटो साझा कर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाया है। साथ ही इस तस्वीर के नीचे लिखा है कि ‘झूठे भगवानों को नष्ट करने का समय आ गया है।’ इतना ही नहीं क्षतिग्रस्त मूर्ति पर ISIS का झंडा भी लगाया गया है।

हिन्दुओं की भावनाओं को आहत पहुंचाने वाली भगवान शिव की क्षतिग्रस्त मूर्ति की डिजिटल फोटो स्वयंभू विश्लेषक और पर्यवेक्षक अंशुल सक्सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। जिसके बाद से ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। साथ ही मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जा रही हैं।

बता दें कि मुरुदेश्वर मंदिर तीनों ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है। ‘मुरुदेश्वर’ भगवान शिव का ही एक नाम है। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इसके परिसर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जिसे दुनिया की दूसरी सबसे विशाल और ऊंची शिव प्रतिमा (मूर्ति) माना जाता है। इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 123 फीट है। दिनभर इस मूर्ति पर सूर्य की किरणें पड़ती रहती हैं, जिसके कारण यह मूर्ति हमेशा चमकती रहती है। इसे बनवाने में करीब दो साल का वक्त लगा था और करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आई थी।

फरवरी 2020 में आईएसआईएस समर्थित मीडिया संगठन ‘अल किताल मीडिया सेंटर’ व जुंडुल खलीफा अल हिंद ने वॉइस आफ हिंद पत्रिका को लॉन्च किया था। एनआईए ने तब कहा था कि इस पत्रिका का प्रकाशन पाकिस्तान व बांग्लादेश से एक कॉल सेंटर जैसे दफ्तर से किया जा रहा है। इसे चलाने के लिए पढ़े लिखे युवा व अनुवादक रखे गए हैं। 

गौरतलब है कि इसी साल के अक्टूबर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ‘वॉयस ऑफ हिंद’ पत्रिका के प्रकाशन और IED की बरामदगी के संबंध में जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की थी।