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Published: Dec 07, 2022 06:16 PM IST

Rajya Sabhaभारतीयों के हित में अच्छा सौदा करना समझदारी, रूस से तेल आयात पर राज्यसभा में बोले जयशंकर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार भारतीय कंपनियों को रूस से तेल खरीदने के लिए नहीं कहती है, लेकिन भारतीय लोगों के हित में सबसे अच्छा सौदा हासिल करना एक समझदारी भरी नीति है। राज्यसभा में ‘‘भारत की विदेश नीति में नवीनतम घटनाक्रमों” पर दिए गए एक बयान के बाद सदस्यों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण पर जयशंकर ने यह जानकारी दी।

जयशंकर ने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि वे भारतीय लोगों के हितों को सर्वोपरि रखें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उर्वरक, भोजन आदि के लिए कुछ अन्य देशों के कार्यों या किसी अन्य क्षेत्र की गतिविधिओं की कीमत ना चुकानी पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी कंपनियों को रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं। हम उन्हें कहते हैं कि उन्हें जो सबसे अच्छा विकल्प मिले, उसी के अनुसार वे तेल खरीदें। यह बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।”

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘अगर कल बाजार हमें अधिक प्रतिस्पर्धी विकल्प देता है तो फिर, कृपया समझिए। ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ एक देश से तेल खरीदते हैं। हम कई स्रोतों से तेल खरीदते हैं, लेकिन भारतीय लोगों के हितों में जो सबसे अच्छा सौदा मिलता है वह एक समझदार नीति है। हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं।”

ज्ञात हो कि अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन संघर्ष के दौरान रूस से भारत के तेल आयात की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन नई दिल्ली इस मुद्दे पर दृढ़ बनी हुई है। यूक्रेन मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि सरकार का रुख प्रधानमंत्री के स्तर पर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से स्पष्ट किया गया है कि यह युद्ध का युग नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगातार बातचीत और कूटनीति का आग्रह किया है। जब भारतीय लोगों या बाकी दुनिया पर युद्ध के प्रभाव की बात आती है, तो हमने भी सही चीजें की हैं। हमने प्रभाव को कम करने के उपाय किए हैं, वह चाहे ईंधन का हो या खाद्य मुद्रास्फीति का हो या उर्वरक मूल्यों का हो।”

यूक्रेन से लौटे छात्रों के बारे में द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा के सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि कुछ छात्र वापस चले गए हैं जबकि कुछ अन्य समाधान तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में, यूक्रेनी अधिकारियों ने कुछ समाधान की भी पेशकश की है। यह एक बहुत ही मिली जुली तस्वीर है। दुर्भाग्य से, फिलहाल कोई स्पष्ट और सरल जवाब नहीं है। लेकिन सरकार इस स्थिति में जो कर सकती है, वह कर रही है।”(एजेंसी)