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Published: Jun 28, 2021 10:25 AM ISTTrue Gritआठ महीने के गर्भ के साथ ड्यूटी पर तैनात यह डॉक्टर, बोलीं - लोगों की सेवा से होती है ख़ुशी
कठुआ. यूँ तो हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस (Doctor’s Day) मनाया जाता है। यह दिन ख़ास तौर से डॉक्टर्स के योगदान को समर्पित होता है और इस दिन आम जनता को डॉक्टर्स के महत्व के बारे में बहुत सी जरुरी जानकारी दी जाती है। वैसे भी डॉक्टर्स को तो हमेशा से भगवान का दर्जा दिया जाता रहा है।
यह इसलिए भी है क्योंकि वो हमेशा अपने वक्त और जान की परवाह किए बगैर अपने मरीजों की जान बचाने को तत्पर रहते हैं। गौरतलब है कि कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जिस मुस्तैदी के साथ कोरोना वारियर्स की भूमिका निभायी है वो वास्तविकता में याद रखने योग्य है। लेकिन आज एक ऐसे डॉक्टर की बात करेंगे जो सही मायनों में ख़ास हैं.
आज हम एक ऐसे डॉक्टर की बात करेंगे जो अपने गर्भकाल में भी अपनी ड्यूटी को पूरा कर रही हैं और अपनी मरीजों के संग उनकी परेशानियों में उनके साथ खड़ी हैं। बात हो रही है डॉक्टर शिवानी (Doctor Shivani) की जो जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तैनात है। अब आप पूछेंगे कि ऐसा क्या ख़ास कर रही हैं डॉक्टर शिवानी, तो जनाब आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में तैनात डॉक्टर शिवानी आठ महीने की गर्भवती हैं, लेकिन फिर भी यह निर्भीक, कर्मशील महिला डॉक्टर कोरोना के दौरान भी दौरान ड्यूटी पर तैनात हैं।
उनसे जब पूछा गया गया कि ऐसे जरुरी समय पर भी वह अपना ख्याल रखते हुए आराम क्यों नहीं कर रही हैं। इस पर उन्होंने कहा कि, “मैं यहां मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्य कर रही हूं। मुझे अपने गर्भावस्था में ड्यूटी करने में भी कोई समस्या नहीं है। मुझे कोरोना काल में लोगों की सेवा करने से बहुत खुशी मिलती है।”
धन्य हैं ऐसे कर्तव्यपरायण डॉक्टर्स जो इस कठिन कोरोना काल में भी अपने स्वास्थ्य को परे रख लोगों की सेवा कर रहे हैं। गौरतलब है कि डॉक्टर्स कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स साबित हुए हैं। ऐसे कटीं समय में जब लोग लॉकडाउन में अपने घरों में कैद थे और सोशल डिसटेंसिंग के नियमों का पालन कर रहे हैं ताकि कोरोना से खुद को बचा सकें और संक्रमण को फैलने से रोक सके।
वहीं डॉक्टर शिवानी जैसे अनेक डॉक्टर्स इस समय जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे लोगों का न केवल इलाज कर रहे हैं, बल्कि उन लोगों को एक नया जीवन भी दे रहे हैं। फिर इसकेलिए चाहे उन्हें कोई भी कुर्बानी देनी पड़ी हो। आइए आज हम अपने इन्ही डॉक्टर्स को धन्यवाद दें और उनके जज्बे को सलाम करें।