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Published: May 24, 2022 01:11 PM IST

Siddaramaiah Beef Politicsकर्नाटक: पूर्व CM सिद्धारमैया का विवादित बयान- मैं हिंदू हूं, चाहूं तो खा सकता हूं बीफ, पूछने वाले आप कौन?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली/बेंगलुरु. जहाँ एक तरफ कर्नाटक में हलाल मीट (Karnataka Halal meet controversy) के बाद अब वहां बीफ को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं इन सबके बीच पूर्व CM और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) बीफ पर अपना बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। 

दरअसल उन्होंने कहा कि, वह एक हिंदू हैं और जब चाहें तब बीफ खा सकते हैं। उनका यह भी मानना है कि, बीफ सिर्फ एक समुदाय के लोग नहीं खाते। साथ ही सिद्धारमैया ने यह भी आरोप लगाया कि RSS,लोगों के बीच मतभेद पैदा करने का ही काम करता है।

गौरतलब है कि सोमवार को तुमकुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा था कि, “मैं एक हिंदू हूं और मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया है। लेकिन अगर मैं चाहूं तो बीफ खा सकता हूं। आप मुझ पर सवाल उठाने वाले कौन होते है? सिद्धारमैया ने कहा, बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय के लोग नहीं होते हैं।’

हिंदू भी खाते हैं ‘बीफ’,RSS पैदा कर रहा भ्रम 

सिद्धारमैया यहीं पर नह्ही नहीं रुके और कहा कि, “हिंदू भी बीफ खाते हैं, क्रिश्चियन भी खाते हैं। यहां तक कि मैंने कर्नाटक असेंबली में भी कहा था कि आप कौन होते हैं, मुझे यह बताने वाले कि मैं बीफ न खाऊं। यह खाने की आदत से जुड़ा मामला है और मेरा अधिकार है।” सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि संघ के लोग समुदायों के बीच ये बेवजह टकराव पैदा कर रहे हैं।

क्या कहता है कानून

दरअसल कर्नाटक की BJP सरकार ने बीते जनवरी 2021 में कर्नाटक वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2020 लागू किया था। इसके अनुसार, सभी प्रकार के मवेशियों को खरीदना, बेचना, परिवहन करना, वध करना और व्यापार करना अवैध है। इसमें गाय, बैल, भैंस शामिल हैं। हालाँकि 13 साल से अधिक उम्र की भैंस और गंभीर रूप से बीमार मवेशी इस कानून में अपवाद हैं. वहीं अगर इस कानून का पालन नहीं हुआ तो 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा 50,000 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी इसके तहत लगाया जा सकता है।