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Published: Dec 06, 2022 06:11 PM IST

Maharashtra Karnataka Border Disputeकर्नाटक का महाराष्ट्र को अलर्ट, कहा- बेलगावी नहीं लाएं बस; एनसीपी प्रमुख बोले- धैर्य की परीक्षा न लें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक रक्षण वैदिक संगठन नेविरोध प्रदर्शन किया। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, सीएम एकनाथ शिंदे को कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए…संसद सत्र शुरू होने वाला है, मैं सभी सांसदों से एक साथ आने और इस पर स्टैंड लेने का अनुरोध करता हूं। 

शरद पवार ने आगे कहा कि, सीएम शिंदे की कर्नाटक के सीएम से बात करने के बावजूद, उन्होंने इस मुद्दे पर कोई नरमी नहीं दिखाई है…किसी को भी हमारे (महाराष्ट्र) धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए और यह गलत दिशा में नहीं जाना चाहिए। 

 

पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक मैसेज पढ़कर सुनाया कि सीमा विवाद मामले पर यहां स्थिति गंभीर है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री आगे आकर इस मामले में कोई ठोस निर्णय लें। महाराष्ट्र के लोगों पर हमला हो रहा है। गाड़ियों को टारगेट किया जा रहा है और दहशत का माहौल पैदा किया जा रहा है।

बता दें कि, इससे पहले, कर्नाटक रक्षण वैदिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने बेलगावी के बेगेवाड़ी में महाराष्ट्र के ट्रकों पर पथराव किया। वहीं, संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी भी की। हालांकि, मौके पर मौजूद कर्नाटक पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। वहीं, कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र की ST बस को बेलगाम (बेलगावी) में आने से माना किया है। कर्नाटक पुलिस ने ST महामंडल से कहा है कि यहां पर बस पर पथराव हो सकता है।

इस बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के सीएम बोम्मई से बात की और घटना पर नाराजगी जताई है। वहीं कर्नाटकके सीएम ने दिशाओं पर कड़क करवाई करने का आश्वासन दिया है। इस पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि, राज्य के उपमुख्यमंत्री ने वहां के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है। सीमा पर आने जाने वाले वाहनों को लेकर एक बड़ी परेशानी बनती दिखाई दे रही है। जिस तरह से वहां हमला किया गया और घटना घट रही हैं ये बेहद गंभीर है। अगर अगले 24 घंटों में हालात नहीं सुधरते हैं तो आगे जो कुछ भी होगा उसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र और कर्नाटक सरकार की होगी।