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Published: May 28, 2020 08:20 PM IST

देशमोबाइल स्वास्थ्य समाधान विकसित करने से भारत में मजबूती से कोविड-19 से निपटा जा सकता हैः अध्ययन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली: एक अध्ययन में कहा गया है कि अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों और लोक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए व्यापक मोबाइल स्वास्थ्य समाधान विकसित करके कोविड-19 के खिलाफ देश के संघर्ष को मजबूत किया जा सकता है। अध्ययन में जोर दिया गया है कि बीमारी पर निगरानी रखने के लिए जरूरी होने पर ही हस्तक्षेप किया जाए और वह भी कम से कम। ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आईजेएमआर) में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने के लिए एक एकल मोबाइल एप्प को सामुहिक रूप से डाउनलोड करें।

यह अध्ययन दिल्ली स्थित जॉर्ज इंस्ट्टियूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, गूगल प्ले और एप्पल एप्प स्टोर के शोधार्थियों द्वारा किया गया है। इसमें ‘कोविड-19’, ‘कोरोना वायरस’ और ‘महामारी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके खोज की गई। इसके अलावा, ‘ भारत में कोविड-19 मोबाइल एप्प’ शब्द का इस्तेमाल करके कोविड-19 से संबंधित विभिन्न एप्प की भी खोज की गई। अध्ययन के मुताबिक, यह खोज अप्रैल के पहले हफ्ते में की गई थी और तीन मई को इसे अपडेट किया गया।

इसने बताया कि चयनित विभिन्न एप्प की समीक्षा, महामारी निगरानी पर सामग्री और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मीडियो रिपोर्टों के आधार पर कोविड-19 संबंधित विभिन्न एप्प की एक सूची बनाई गई। अध्ययन में कहा गया है कि भारत में आम जनता, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य प्रणाली प्रबंधकों और डेटा सेवा एप्प की श्रेणियों के तहत एप्प के कार्यों को वर्गीकृत करने के लिए ‘ डिजिटल हेल्थ इंटरवेंशन’ पर डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश का भी उपयोग किया गया। अध्ययन के दौरान शोधार्थियों ने पाया कि केंद्र समेत विभिन्न सरकारों ने इस संकट से निपटने के लिए मोबाइल एप्प विकसित करने के लिए निवेश किया है।

इसमें कहा गया है कि खोज में 346 संभावित कोविड-19 एप्प मिले, जिनमें से 50 समावेश के मापदंड को पूरा करते हैं। इनके आधार पर, निवारक उपायों से संबंधित जानकारी का प्रसार और पृथक वास में भेजे गए व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखने को लेकर क्रमशः 27 और 19 एप्प हैं। अध्ययन में आठ एप्प संपर्क का पता लगाने और हॉटस्पॉट का पता लगाने से संबंधित हैं। इसमें बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु एप्प का इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय उपाय किए हैं। यह एप्प फिलहाल 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

शोधार्थियों ने कहा कि साक्ष्य बताते हैं कि डिजिटल माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले का पता लगाने के प्रयास को प्रभावी बनाने के लिए 70 फीसद आबादी को एप्प डाउनलोड करना चाहिए। निजता के संबंध में अध्ययन कहता है कि बीमारी के प्रसार के हॉटस्पॉट को चिह्नित करने के लिए स्थान की जानकारी लेनी जरूरी है, लेकिन निजता विशेषज्ञ व्यक्ति की निजता और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे को लेकर चिंतित हैं।

अध्ययन में बताया गया है, ” पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, सिंगापुर और इज़राइल ने स्वतंत्र ऑडिट के लिए शोधकर्ताओं के साथ अपनाए एप्प स्रोत कोड साझा किए। भारत में डेटा सुरक्षा कानून की अनुपस्थिति के कारण, केंद्र और राज्य सरकारों को लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए इन निजता संबंधित चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है जिससे इन एप्प को बड़े पैमाने पर डाउनलोड किया सके।(एजेंसी)