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Published: Nov 16, 2019 09:46 AM IST

देशमहाराष्ट्र: शिवसेना ने ''सामना'' में किया बीजेपी पर हमला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई,महाराष्ट्र में राजनीतिक उठा पटक अपने चरम पर है. एक तरफ जहाँ कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना सरकार बनाने के लिए विभिन्न तरीके के समीकरणों पर जोर दे रही है। वहीं शिवसेना -बीजेपी का आपसी सियासी द्वन्द रुकने के नाम नहीं ले रहा. गाहे बगाहे दोनों दल प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं. ताजा उदहारण शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का है जिसमें उन्होंने बीजेपी को जंखार खरी खोटी सुनाई है.

बीजेपी दे रही है श्राप 

बीजेपी को लेकर ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा है की राज्य में सरकार बनने के नयी रास्तों को देखकर कुछ लोगो को उदरशूल होने लगा है. संपादकीय में ये भी कहा गया है कि कौन वैसे सरकार बनाता है देखता हूं, इस प्रकार की भाषा का उपयोग किया जा रहा हैं, वहीँ श्रापित भी किया जा रहा है कि अगर सरकार बन भी गई तो वैसे और कितने दिन टिकेगी, हम देखते हैं. ऐसी भी भविष्यवाणी की जा रही है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं टिकेगी. ये नया धंधा भले ही लाभदायक हो, लेकिन ये अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है.

बिगड़ सकता है बीजेपी का मानसिक संतुलन

शिवसेना यही पर नहीं रुकी और कड़े शब्दों में कहा कि "हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसे प्रतीत होने वाले इस मानसिकता से बाहर आएं. ये मानसिक अवस्था उनके स्वस्थ के लिएख़राब है जिनकी गिनती ही 105 है . ऐसी स्थिति के ज्यादा विलम्भ होने से मानसिक संतुलन पर नकारात्मक असर हो सकता है और पागलपन की तरफ वह अग्रसर हो सकते हैं.

सेना ने ये भी सवाल किया है कि जब पहले बीजेपी सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है तो अब कैसे बहुमत मिलने का विश्वास जता रही है? संपादकीय में कहा गया है- ‘पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सरकार आने का दावा किया है लेकिन बीजेपी राज्यपाल से मिलकर साफ कह चुकी है कि उनके पास बहुमत नहीं है. जो बहुमत उनके पास पहले नहीं था वह राष्ट्रपति शासन के बाद कैसे मिलेगा.’ सम्पादकीय में ये भी का तंज किया गया कि अगर जनता को वें मुर्ख समझ रहेहैंतो वे गलत हैं और जिस प्रकार से अपने नेता नरेंद्र मोदी के नाम पर जो खेल उन लोगो ने शुरू किया है उससे उनके नेता मोदी का ही नाम खराब हो रहा है.

विदित हो की महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। जहाँ बीजेपी ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया था. महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है. चुनावों में बीजेपी के खाते में 105 सीटें आई हैं। शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीते इस घटना क्रम के चलते बीजेपी-शिवसेना में दिन प्रतिदिन उठापटक का दौर चालू है. ये भी प्रासंगिक है कि कैसे पिछली सरकार को साथ चलाने वाले दो राजनीतिक मित्र आज एक संविधानिक पद को लेकर आपसे में तलवारें खींच ले हैं. वैसे अभी ये स्तिथि और रोचक होने वाली है क्यूंकि इस राजनीतिक अखाड़े में अभी औऱ भी दंगल होने वाले हैं.