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Published: Jul 11, 2023 04:54 PM IST

Manipur Violenceमणिपुर हिंसा: नफरती भाषण न दे कोई पार्टी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश, कुकी जनजाति की याचिका ख़ारिज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सभी पार्टियों से संतुलन की भावना बनाए रखने और किसी भी नफरत भरे भाषण देने से बचने की सलाह दी है।  वहीं अदालत ने कहा कि  वह केंद्र और मणिपुर राज्य पर लोगों के जीवन की रक्षा के लिए तैयारी करने का दबाव बनाएगी।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर ट्राइबल फोरम द्वारा भारतीय सेना द्वारा कुकी जनजाति की सुरक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को इस तरह का निर्देश देना उचित नहीं होगा।

हिंसा ने ली अब तक 150 लोगों की जान 

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक कम से कम 150 लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।