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Published: Jun 23, 2021 11:45 AM IST

Mehul Choksi Updates कोई निर्णायक सबूत नहीं, लेकिन सार्वजनिक रूप से जानकारी है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया: PM गैस्टन ब्राउन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: एंटीगुआ एवं बारबुडा (Antigua and Barbuda) के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन (Prime Minister Gaston Browne) ने कहा है कि, वह हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के अपरहण (Kidnapping) के संबंध में “कोई निर्णायक सबूत मिलने” के बारे में अवगत नहीं हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से यह जानकारी है कि, चोकसी का अपहरण किया गया था और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी जांच में संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है।

चोकसी सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक से लगभग 13,500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में भारत में वांछित है। वह 2018 से एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिक के तौर पर रह रहा है और वहां से 23 मई को रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। ब्राउन अपने देश की संसद में विपक्षी सांसद के सवालों का जवाब दे रहे थे जिन्होंने उनसे पूछा कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य जांच एजेंसी को इस बारे में कोई सबूत मिला है कि चोकसी को ‘‘अनैच्छिक तरीकों” से डोमिनिका ले जाया गया था।

मीडिया संस्थान ‘एंटीगुआ न्यूज रूम’ द्वारा साझा की गई संसदीय कार्यवाही की क्लिप के अनुसार, ब्राउन ने कहा, ‘‘अध्यक्ष महोदय, मुझे सबूतों की जानकारी नहीं है, लेकिन पब्लिक डोमेन में यह जानकारी है कि मेहुल चोकसी का अपहरण किया गया था। मुझे पता है कि यहां कानून प्रवर्तन ने जांच की है और उन्होंने संभवत: ऐसे लोगों का पता लगाया है, जिनके पास इस संबंध में जानकारी हो सकती है, लेकिन जहां तक ​​साक्ष्य की बात है तो मुझे यह जानकारी नहीं है कि ऐसा कोई निर्णायक सबूत है या नहीं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या स्कॉटलैंड यार्ड या किसी अन्य एजेंसी ने चोकसी के कथित अपहरण के बारे में उनकी सरकार से संपर्क किया है, तो उन्होंने ना में जवाब दिया। चोकसी को डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था। उसके वकीलों ने आरोप लगाया है कि एंटीगुआई और भारतीय जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मियों ने उनके मुवक्किल का अपहरण कर लिया तथा उसे नौका के जरिए डोमिनिका पहुंचा दिया।

चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है। दोनों के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रहा है।