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Published: Jun 20, 2021 09:50 AM IST

Politicsजम्‍मू-कश्‍मीर को कई हिस्‍सों में बांटने की अफवाहों पर मोदी सरकार ने कही ये बात, जानें पूरी खबर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्‍ली. एक बड़ी खबर के अनुसार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में आगामी 24 जून को जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) की राजनीति पार्टियों के साथ होने वाली एक बड़ी ही महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) से पहले जम्‍मू-कश्‍मीर के विभाजन को लेकर चल रही अफवाहों को अब मोदी सरकार से जुड़े सूत्रों ने सिरे से खारिज कर दिया है। सूत्रों की मानें तो जम्मू और कश्मीर को कई हिस्‍सों में बांटे जाने की अफवाहें बिल्कुल गलत और सरासर बेबुनियाद हैं। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करने जा रही है।

गौरतलब है कि जम्‍मू-कश्‍मीर को लेकर बीते कुछ हफ्तों से लगातार यही खबरें सामने आ रही थीं। इसके साथ जम्‍मू-कश्‍मीर में तेजी से हो रहे राजनीतिक बदलाव को देखते ऐसे कयास लगाया भी लगने लगे थे कि जम्‍मू को बहुत जल्‍द ही पूर्ण राज्‍य का दर्जा भी दे दिया जा सकता है और कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश ही बनाकर रखा जा सकता है। इतना ही नहीं नहीं, ऐसे अफवाहें भी काफी सुनाई देने जाने लगी थी कि दक्षिण और उत्‍तर कश्मीर को अलग और श्रीनगर को भी इनसे अलग किया जा सकता है। 

हालांकि अब मोदी सरकार से जुड़े अंदरूनी सूत्रों ने इन सभी अफवाहों को पूरी तरह से खारिज किया है। ऐसा भी माना जा रहा है कि इस आगामी सर्वदलीय बैठक कश्मीर की आवाम के हित में राजनीतिक प्रक्रिया को वापस स्थापित करने की दिशा में उठाया हुआ एक बड़ा ही जरुरी और सामान्य कदम है।

इतना ही नहीं केंद्र सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि वह, सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से आगामी 2021 के भीतर जम्‍मू-कश्‍मीर की परिसीमन प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे जम्‍मू-कश्‍मीर में भी अब जल्‍द से जल्‍द विधानसभा चुनाव हो सकें। इधर अगर सूत्रों की मानें तो इन विधानसभा चुनावों की संभावित तारीखें और विकल्पों जिन पर विचार किया गया है वह नवंबर/दिसंबर 2021 या अगले साल मार्च /अप्रैल की भी हो सकती है। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर भी फिर से विचार कर सकती है क्योंकि इसे आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद से ही एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।

गौरतलब है कि, बीते शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को बैठक में आमंत्रित करने के लिए उन्हें फोन किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन समेत 14 नेताओं को इस अहम् बैठक में शामिल होने का न्‍योता भेजा गया है।

इधर अब पाकिस्तान भी जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों की गूंज से बौखलाया हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) ने शनिवार को दिए बयान में कहा है कि, कश्मीर के विभाजन और उसकी जनसांख्यिकी बदलने के भारत के किसी भी कदम का वह पूरी तरह विरोध करेगा। गौतलब हो कि, पाकिस्तान शुरू से ही जम्मू-कश्मीर पर अपना आधिपत्य जमाना चाहता है। वहीं मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article-370) निरस्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान के चहरे की हवाइयां भी उडी हुई हैं।