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Published: Nov 29, 2020 09:15 PM IST

एल्गार परिषद मामलास्टेन स्वामी से 'सिपर' जब्त करने की खबरों को NIA ने किया खारिज, गलत और झूठा बताया

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने रविवार को इस तरह की खबरों को ‘झूठा, गलत और शरारतपूर्ण’ कहकर खारिज कर दिया जिनमें आरोप लगाया गया है कि एजेंसी ने मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ जब्त कर लिये हैं और ‘सिपर’ मुहैया कराने की स्वामी की याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से 20 दिन का समय मांगा है। स्वामी (83) को एल्गार परिषद मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आठ अक्टूबर को रांची में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और वह मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्वामी प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के कट्टर कार्यकर्ता हैं और भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में संलिप्तता के लिए सात अन्य लोगों के साथ उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। मामला पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद कार्यक्रम के आयोजन से जुड़ा है जहां कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिये गये और हिंसा भड़क जाने से जान-माल का नुकसान हुआ।

एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी ने कभी उन्हें पुलिस हिरासत में नहीं लिया और उनकी मेडिकल जांच समेत सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गयीं। प्रवक्ता ने कहा कि तब से वह तलोजा केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। स्वामी ने करीब एक महीने बाद छह नवंबर को मुंबई की एनआईए अदालत में आवेदन कर अपने ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ वापस दिये जाने का अनुरोध किया था। अधिकारी ने कहा कि स्वामी ने गलत तरह से यह दावा किया कि ये सामान एनआईए ने रख लिये हैं।

अदालत ने एनआईए से 26 नवंबर को जवाब दाखिल करने को कहा था। प्रवक्ता के अनुसार एनआईए ने अदालत में अपने जवाब में कहा कि उसने स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में स्वामी की जांच की थी और ऐसा कोई ‘स्ट्रॉ’ या ‘सिपर’ उनके पास से नहीं मिला। इसके बाद अदालत ने स्वामी की अर्जी को खारिज कर दिया और 26 नवंबर को जेल अधिकारियों को उन्हें ‘स्ट्रॉ’ तथा ‘सिपर’ देने के संबंध में जरूरी निर्देश दिये थे।

एनआईए अधिकारी ने कहा कि आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए मामला उनके और जेल अधिकारियों के बीच है तथा जेल महाराष्ट्र राज्य शासन के अंतर्गत आती है। अधिकारी ने कहा, “एनआईए द्वारा आरोपी स्वामी से ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ जब्त करने तथा उन्हें तलोजा जेल में ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ के उपयोग की अनुमति की उनकी याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से 20 दिन का समय मांगने के दावों वाली खबरें झूठी, गलत तथा शरारतपूर्ण हैं क्योंकि ना तो एनआईए ने आरोपी से कोई ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ जब्त किया और ना ही कथित आवेदन में उत्तर देने के लिए 20 दिन का समय मांगा है।”

एनआईए के अनुसार स्वामी अन्य कार्यकर्ताओं के बीच यह प्रचारित कर रहे थे कि देश के विभिन्न भागों, खासकर महाराष्ट्र से शहरी भाकपा (माओवादी) कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से प्रतिबंधित संगठन को भारी नुकसान हुआ है। (एजेंसी)