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Published: Jun 23, 2021 01:12 PM IST

Big Newsनीरव मोदी-चौकसी और माल्या की 18170 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त, बैंकों के 80% नुकसान की भरपाई : ED

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार देश के बैंकों को चूना लगाकर विदेश भागे भगौड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब एक बड़ी कार्रवाई की है। जी हाँ अब प्रवर्तन निदेशालय ने इन तीनों की 18170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है जो बैंकों को हुए नुकसान का करीब 80.45 % है। इस बाबत प्रवर्तन निदेशायल की तरफ से एक जानकारी दी गई है। इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी बताया कि, कुल जब्त संपत्ति में से 9371.17 करोड़ रुपए केंद्र सरकार तथा सरकारी बैंकों को ट्रांस्फर भी किये जा चुके हैं।

बता दें कि प्रवर्तन निदेलाय के अनुसार तीनों भगौड़े कारोबारियों की वजह से बैंकों को 22585.83 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जिसमें से 18170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति अब जब्त भी की जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार कुल जब्त संपत्ति में 969 करोड़ रुपए सिर्फ विदेशों में जब्त किया गया है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय को जांच में यह भी पता चला है कि जब्त संपत्ति फर्जी कंपनियों, कई ट्रस्ट बेनामी रिश्तेदारों के नाम रजिस्टर की गे थी थी। 

इतना ही ही नहीं ऋण वसूली प्राधिकरण (DRT) ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में जांच के तहत धन शोधन निवारण कानून के अंतर्गत पूर्व में कुर्क किए गए यूनाइटेड ब्रीवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों को अब तक बेच दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज बुधवार को यह जानकारी दी। 

केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि 25 जून तक शेयरों की बिक्री से 800 करोड़ रुपये की और वसूली होने की उम्मीद है। हाल में इसने कहा था कि एजेंसी ने मुंबई स्थित धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत के आदेश के तहत उसके द्वारा कुर्क किए गए 6,600 करोड़ रुपये के शेयर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नीत संघ को हस्तांतरित किए हैं। 

प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा, “आज DRT ने, SBI के नेतृत्व वाले संघ की तरफ से, यूनाइटेड ब्रीवरीज लिमिटेड के 5,824.50 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।” माल्या (65) भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दायर मामला हार चुके हैं और उन्हें “ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में अपील दायर करने की अनुमति से इनकार कर दिया गया है।” प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, “उनको भारत को प्रत्यर्पित किया जाना तय है।”