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Published: Oct 08, 2022 04:08 PM IST

Nitish Kumarलालू प्रसाद यादव के खिलाफ CBI के आरोप पत्र पर नीतीश कुमार ने जताई नाराजगी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और नए सहयोगी लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एक मामले में आरोप पत्र दाखिल करने पर नाराजगी जताई। सीबीआई ने यह आरोप पत्र लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के रेलमंत्री के कार्यकाल से जुड़े मामले में दाखिल किया है। समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर उनके जन्म स्थान सिताब दियारा से वापस रवाना होने से पहले नीतीश कुमार संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। 

कुमार ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा शहरी निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) का आरक्षण रद्द करने के फैसले की जिम्मेदारी उनके ऊपर डालने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, ‘आप पांच साल पहले की घटना याद कर सकते हैं जिसकी वजह से मुझे गठबंधन से बाहर जाना पड़ा था।’ उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव के बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम एक अन्य मामले में आया था जिसकी वजह से जनता दल-यूनाइटेड नेता को अचानक राजद से नाता तोड़ना पड़ा था। 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उस मामले में कुछ भी नहीं निकला। मैं दोबारा गठबंधन में आया और नयी चीजें शुरू हो गई हैं। यह कोई तरीका है? ऐसा लगता है कि वे सनक और कल्पना के आधार पर काम कर रहे हैं।’ कुमार ‘महागठबंधन’ का हिस्सा हैं और इस प्रकार उन्होंने परोक्ष रूप से राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया जो अकसर विपक्षी पार्टिया भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लगाती हैं। कुमार ने यह टिप्पणी पत्रकारों के सवाल पर की। पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि सीबीआई अधिकारियों ने खुलासा किया था कि उसने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बड़ी बेटी व राज्यसभा सदस्य मीसा भारती सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। 

नगर निकाय चुनावों में ओबीसी और ईबीसी आरक्षण पर पटना उच्च न्यायालय के प्रतिकूल फैसले को लेकर भाजपा द्वारा निशाना साधने पर कुमार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘वे गलत बोल रहे हैं।’ कुमार ने रेखांकित किया कि बिहार के शहरी निकाय चुनाव में ओबीसी और ईबीसी आरक्षण की प्रणाली गत एक दशक से है और उच्च न्यायालय के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय ने भी उसे कायम रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वे (भाजपा) अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। जब मैं उनके साथ गठबंधन में था, तो पूरे समय शहरी विकास विभाग उनके पास था। मुझ आश्चर्य है कि क्यों उन्होंने ओबीसी के प्रति द्वेषात्मक रुख अपना लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे जो शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप कुछ अन्य राज्यों में लागू आरक्षण पर आधारित था।’ (एजेंसी)