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Published: Feb 09, 2023 05:56 PM IST

PM Modi In Rajya SabhaPM मोदी का विपक्ष पर पलटवार, कहा- जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले पर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच बृहस्पतिवार को कहा कि उनके ऊपर जितना कीचड़ उछाला जाएगा, कमल उतना ही खिलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।

‘‘कमल” केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनाव चिह्न है। प्रधानमंत्री ने जैसे ही जवाब देना आरंभ किया वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना, आम आदमी पार्टी सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे। सदस्यों की नारेबाजी के बीच मोदी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महत्वपूर्ण सदन में कुछ लोगों का व्यवहार, कुछ लोगों की वाणी ना सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली रही है।”

उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को मैं यही कहूंगा… ‘कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल । जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल।’… अच्छा ही है। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।” मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि इसलिए कमल खिलाने में उनका भी प्रत्यक्ष व परोक्ष योगदान है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।” ज्ञात हो कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा के दौरान अधिकतर विपक्षी दलों ने अडाणी समूह को लेकर अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया और इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की।

प्रधानमंत्री ने करीब एक घंटा और 25 मिनट के अपने पूरे भाषण के दौरान सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का उल्लेख करते हुए उसकी उपलब्धियां गिनाईं और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उनके पूरे भाषण के दौरान विपक्षी दलों द्वारा की गई नारेबाजी के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक घंटे से अधिक समय से अकेले बोल रहे हैं और विपक्ष के लोगों को नारेबाजी करने के लिए एक दूसरे का सहारा लेना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है… नारे बदलने के लिए उन्हें बदलना पड़ रहा है… घंटे भर से आवाज नहीं रोक पाए हैं क्योंकि देश के लिए जीता हूं… देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हूं।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर हमला करते हुए कहा कि राजनीतिक खेल खेलने वाले लोगों के अंदर वह हौसला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वे बचने का रास्ता खोज रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विकसित भारत का लक्ष्य रखा है और वह इस संकल्प को पूरा करने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सबका संकल्प है। अब देश पीछे मुड़कर देखने को तैयार नहीं है। देश लंबी छलांग मारने को तैयार है।”

कांग्रेस पर लोगों की समस्याओं का समाधान ना करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार, आजाद भारत के लिए जो सपने देखे गए थे, उन्हें पूरा करने के लिए संकल्पित होकर काम कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार योजनाओं का शत प्रतिशत लोगों तक लाभ पहुंचाने के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इससे भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म होती है, भ्रष्टाचार की संभावनाएं समाप्त होती हैं और तुष्टिकरण की आशंकाएं खत्म होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सच्ची पंथनिरपेक्षता अगर कुछ है… सच्ची धर्मनिरपेक्षता कुछ है तो यही है। यही सेक्युलरिज्म है। सबका साथ, सबका विकास का मतलब भी यही है…शत प्रतिशत सेवा अभियान सामाजिक न्याय का बहुत बड़ा सशक्त माध्यम है। यही सामाजिक न्याय की असली गारंटी है। यही सच्ची पंथनिरपेक्षता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश को विकास का ऐसा मॉडल दिया, जिसमें सभी हितधारकों को उनका शत प्रतिशत हक मिले। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए देश हमारे साथ है और कांग्रेस को बार-बार खारिज किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस और उसके साथी साजिशों से बाज नहीं आते। जनता देख रही है और उन्हें सजा भी देती है।” कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल किए जाने पर प्रधानमंत्री ने चिंता जताई और इससे भावी पीढ़ी को होने वाले नुकसान के प्रति उन्होंने विपक्षी दलों को आगाह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जिनको आर्थिक नीतियों की समझ नहीं है, सत्ता का खेल खेलना जिनका सार्वजनिक जीवन का काम है, उन्होंने अर्थ नीति को अनर्थ नीति में परिवर्तित कर दिया है।”

प्रधानमंत्री ने ऐसे राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपने लोगों को समझाएं कि वे गलत रास्ते पर ना चले जाएं। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस ने साठ सालों में देश में मजबूत बुनियाद रखी और मोदी उसका श्रेय ले रहे हैं। मोदी ने कहा कि जब 2014 में वह देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें नजर आया कि 60 साल में ‘‘कांग्रेस के परिवार” ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि उनका इरादा नेक होगा, लेकिन उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए। जब वह गड्ढे खोद रहे थे… छह-छह दशक बर्बाद कर दिए थे… उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे… आगे बढ़ रहे थे।”

अभिभाषण के दौरान केंद्रीय योजनाओं के नामों को लेकर कुछ सदस्यों द्वारा की गई आपत्ति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब करीब 600 सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के नाम गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर थे। गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें यह बात समझ नहीं आती कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू उपनाम रखने से डरता क्यों है? उन्होंने कहा, ‘‘क्या शर्मिंदगी है उपनाम रखने में? इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है… परिवार को मंजूर नहीं है… और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।”

कुछ सदस्यों द्वारा राज्यों के साथ भेदभाव करने और अनैतिक तरीके से राज्य सरकारों को परेशान करने के आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह लंबे अर्से तक मुख्यमंत्री रहे हैं इसलिए वह सहकारी संघवाद के महत्व को समझते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा सहकारी संघवाद पर बल दिया है और साथ मिलकर काम करने को प्रोत्साहित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं, उन्होंने तो राज्यों के अधिकारों की धज्जियां उड़ा दी थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास उठाकर देख लीजिए, वह कौन पार्टी थी, कौन सत्ता में थे जिन्होंने अनुच्छेद 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया।” उन्होंने केरल में वामपंथी सरकार, तमिलनाडु में एम जी रामचंद्रन और करुणानिधि की सरकारों, महाराष्ट्र में शरद पवार की सरकार, आंध्र प्रदेश में एन टी रामाराव की सरकारों को गिराए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस का पाप है और आज वे देश को गुमराह करने की बात करते हैं।”

मोदी के जवाब के बाद भाकपा के पी संदोष कुमार, कांग्रेस की जेबी माथेर हिशाम, द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा, कनिमोई, एनवीएन सोमू, माकपा के विनय विश्वम, राजद सदस्य मनोज कुमार झा सहित कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। इसके बाद सदन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए, धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए, धन्यवाद प्रस्ताव को कल मंजूरी दी गई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को बजट सत्र की शुरूआत होने पर, लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था।