13:04 PMDec 25, 2020
PM मोदी का ममता सरकार पर तंज

PM मोदी बोले कि अब कोई हेराफेरी नहीं होती है, पैसा सीधे किसानों के खाते में ही जाता है. आज देश की सभी सरकारें इस योजना से जुड़ी हैं लेकिन सिर्फ बंगाल के 70 लाख किसानों के ये लाभ नहीं मिल पा रहा है. बंगाल की सरकार राजनीतिक कारणों से किसानों को फायदा नहीं पहुंचाने दे रही है, अब वहां के किसानों ने सीधे  भारत सरकार से अपील की है. जिन लोगों ने बंगाल में 30 साल सरकार चलाई आज वो इस मुद्दे पर कोई आंदोलन नहीं करते हैं. बंगाल के उसी विचारधारा के लोग अबपंजाब पहुंच गए हैं. बंगाल की सरकार अपने राज्यों में किसानों के लाभ को रोक रही है, लेकिन पंजाब पहुंच अपने राजनीतिक दुश्मनों के साथ मिलकर लड़ती हैं. विपक्ष वाले इसपर क्यों चुप हैं पता नहीं."

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नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए नए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर देश के विभिन्न किसान संगठन (Farmers Protest) केंद्र सरकार के खिलाफ लाम बंद हैं। वहीं इन सबके मध्य PM नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12 बजे किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की अगली किस्त भेजेंगे। इसके तहत आज 9 करोड़ किसानों के खाते में 18000 करोड़ रुपये भेजे जाएंगे। इसके साथ ही PM मोदी देश के 6 राज्यों के किसानों के साथ एक वर्चुअल संवाद (Virtual Talk) भी करेंगे। 

कहाँ तक पहुंचा किसान आंदोलन:

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारी किसानों को रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू करने का प्रस्ताव भेजकर उनसे नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिये अपनी सुविधा के अनुसार कोई तिथि तय करने के लिये कहा। इधर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक कथित दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत के इच्छुक ही नहीं हैं। साथ ही, किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा। केंद्र के पत्र पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं द्वारा आज यानी शुक्रवार को बैठक करने और इसका औपचारिक जवाब देने की संभावना है।

क्या कहते हैं किसान:

विदित हो कि दिल्ली के तीन प्रवेश स्थानों–सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर– पर पिछले 30 दिनों से इस मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि मंत्रालय ने नया प्रस्ताव भेजने के साथ ही स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से संबंधित किसी भी नयी मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘‘तार्किक” नहीं होगा क्योंकि यह नए कृषि कानूनों के दायरे से परे है। हालांकि यूनियनों ने कहा कि विवादित कानूनों को रद्द करने की मांग से एमएसपी को अलग नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी देना उनके आंदोलन का महत्वपूर्ण बिंदू है। मंत्रालय ने कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों का तार्किक हल खोजने के लिये तैयार है। 

PM मोदी आज करेंगे PM-KISAN सम्मान निधि से राशि हस्तांतरित:

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को एक बटन दबाकर नौ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे। यह धनराशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किस्त के रूप में जारी की जाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मोदी छह राज्‍यों के किसानों से संवाद भी करेंगे तथा किसान सम्‍मान निधि और किसानों के कल्‍याण के लिए सरकार द्वारा की गई अन्‍य पहल के बारे में अपने अनुभव साझा करेंगे।वहीं किसानों के खाते में अगली किस्त भेजने को लेकर PM मोदी ने बीते गुरुवार को ट्वीट किया, “कल का दिन देश के अन्नदाताओं के लिए बेहद अहम है। दोपहर 12 बजे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 9 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को पीएम-किसान की अगली किस्त जारी करने का सौभाग्य मिलेगा। इस अवसर पर कई राज्यों के किसान भाई-बहनों के साथ बातचीत भी करूंगा।”

 

जानें क्या है पीएम-किसान योजना 

गौरतलब है कि पीएम किसान (PM-KISAN) योजना के माध्यम से मोदी सरकार किसानों के खातों में हर चार महीने में 2 हजार रुपये की किस्त जमा करती है। इस प्रकार एक साल में कुल 6 हजार रुपये देश के किसानों खातों में भेजे जाते हैं। विदित हो कि यह महत्वकांशी योजना 1 दिसंबर, 2018 को लागू हुई थी। यह पैसा सीधे किसानों के बैंक खातों में ही ट्रांसफर किया जाता है।