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Published: Jan 20, 2022 12:06 PM IST

Azadi Ka Amrit Mahotsavआज से ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत, पीएम मोदी ने कही ये बात

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
पीएम मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ (Azadi Ke Amrit Mahotsav se Swarnim Bharat Ki Ore) कार्यक्रम में भाग लिया। मोदी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और फिर संबोधित भी किया। पीएम ने कहा कि हमारे और राष्ट्र के सपने अलग नहीं है। हमारी नीति और राष्ट्रीय सफलताएं अलग नहीं हैं। राष्ट की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की कोई जगह ना हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मज़बूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते हुए देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।

मोदी ने कहा कि हाल के आंकड़ों से पता चला है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता के सालों बाद देश में स्त्री और पुरुष का अनुपात भी बढ़िया हुआ है। यह बदलाव इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नया भारत कैसा होगा और कितना सामर्थ्यशाली होगा।

PM ने कहा कि अमृतकाल का यह समय सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड उसे दोबारा हासिल करने का है।

उन्होंने कहा कि हमें यह मानना होगा कि आज़ादी के बाद के 75 सालों में हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। यह बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना।