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Published: Sep 16, 2023 01:35 PM IST

Pak Nuclear Threat कंगाल-भूखा पाकिस्तान आखिर क्यों बढ़ा रहा परमाणु ताकत, 2025 तक 170 से 200 होगा बमों का जखीरा, भारत को भी खतरा?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. कहने को तो इस समय हमारा पडोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) हाल-फिलहाल जबरदस्त परेशानियों से गुजर रहा है। लेकिन अपनी आर्थिक तंगहाली में भी इस मुल्क ने परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का जखीरा बढ़ाया ही है। दरअसल अमेरिका के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमे यह साफ़ है कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु हथियार हैं। जो 2025 तक 200 के पार भी जा सकते हैं। इस ख़ास रिपोर्ट को ‘2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक’ नाम दिया गया है।

हालांकि अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस ने साल 1999 में यह अंदाजा लगाया था कि, पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 परमाणु हथियार होंगे। लेकिन हद यह रही कि, पाकिस्तान ने इससे ज्यादा परमाणु हथियार बनाए। वहीं अमेरिकी एजेंसी ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से जुड़े आंकड़े कई खुफिया दस्तावेजों, मीडिया और थिकटैंक्स की रिपोर्ट से जुटाए हैं।

पाकिस्तान में 5 मिसाइल बेस
2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक’ की मानें तो पाकिस्तान के न्यूक्लियर क्षमता वाले मिसाइल बेस और फैसिलिटीज की लोकेशन की जानकारी तो नहीं मिल पाई। हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों से ये जरुर साफ़ है कि पाकिस्तान के पास हाल-फिलहाल 5 मिसाइल बेस हैं। जहां से उसकी न्यूक्लियर फोर्सेस भी बड़े ही आराम से कभी भी ऑपरेट कर सकती हैं।

क्या भारत से पाकिस्तान को है खौफ
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान जमीन और समुद्र से दागीं जाने वाली क्रूज मिसाइलों में लगातार मॉडिफिकेशन भी करते जा रहा है। हालांकि खतरे को भांपे हुए भारत अपने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी जबरदस्त तरीके से डेवलप कर कर रहा है।

दरअसल इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने 2017 में ऐलान किया था कि उसने मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल बनाई है जिसमें कई वॉर हेड पर भी आराम से लगाए जा सकते हैं। इस मिसाइल का नाम अबाबील बताया गया था। लेकिन इसके उलट ‘2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक’ रिपोर्ट के अनुसार अभी भी इस मिसाइल के स्टेटस की कोई जानकारी नहीं है।

इस्लामाबाद में न्यूक्लियर मिसाइलों का जखीरा
रिपोर्ट के अनुसार परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम मिसाइलों और उनके मोबाइल लॉन्चर पाक के इस्लामाबाद के पश्चिम में काला चिट्टा दहर पर्वत शृंखला में स्थित नेशनल डिफेंस कॉम्प्लेक्स में डेवलेप हो रहे हैं। वहीं सैटेलाइट तस्वीरों में इस कॉम्प्लेक्स के दो हिस्से दिख रहे हैं। पश्चिमी हिस्से में मिसाइलों और रॉकेट इंजन का विकास, उत्पादन और भी यहां बाकायदा टेस्टिंग की जाती है।

यूरेनियम प्लांट और रिएक्टर्स पर भी हो रहा काम 
रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि, पाकिस्तान के काहुता और गडवाल इलाके में न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए जरूरी मैटिरियल और यूरेनियम प्लांट बनाने की फैसिलिटीज बनाने का काम पूरा ही होने को है। यहां पाकिस्तान चार हेवी वॉटर प्लूटोनियम प्रोडक्शन रिएक्टर्स भी बना रहा है। इनमें से सबसे नया प्लूटोनियम रिएक्टर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से 33 किलोमीटर की दूरी पर है।

रिपोर्ट्स के खुलासे के अनुसार मिराज-3, मिराज-5 वो एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें पाकिस्तान बड़े ही आराम से परमाणु हथियार लगा सकता है। ये फाइट बॉम्बर फिलहाल पाक के दो एयरबेस पर तैनात हैं। इनमें एक मसरूर एयरबेस है, वहीं दूसरा रफीकी एयरबेस है।

पाकिस्तान के ख़ास मिसाइल बेस
वहीं अगर हम सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण को देखें तो ये पता चलता है कि पाकिस्तान के पास कम से कम पांच मिसाइल बेस हैं जो पाकिस्तान की परमाणु ताकतों में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। आइए उन पर भी एक नजर डालें 

इन वजहों से पाकिस्तान बना रहा परमाणु हथियार
वहीं न्यूक्लियर नोटबुक में कहा गया है कि, हथियारों के विकास में कई नए सिस्‍टम, चार प्लूटोनियम प्रोडक्‍शन रिएक्टर्स और विस्तारित यूरेनियम संवर्धन बुनियादी ढांचे के साथ, पाकिस्‍तान के भंडार में अगले कई वर्षों में और बड़ी होने की संभावना है। हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार , “यह बढ़त कई वजहों पर निर्भर होगी। इसके तहत पाकिस्तान की परमाणु क्षमता वाले लॉन्चर तैनात करने की योजना, इसकी परमाणु रणनीति और पडोसी देश यानी की भारत केपरमाणु हथियार कैसे बढ़ते हैं, ये सबसे अहम हैं। हमारा अनुमान है कि पाकिस्तान का भंडार संभावित रूप से बढ़ सकता है। अगर यही रफ्तार जारी रही तो फिर 2020 के दशक के अंत तक करीब यहां 200 हथियार जमा होंगे।

All Images: Maxar FAS