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Published: Mar 31, 2023 02:57 PM ISTNavjot Singh Sidhuपंजाब: कल जेल से रिहा होंगे नवजोत सिद्धू, पत्नि ने किया था ये भावुक मैसेज, रोडरेज केस में काट रहे सजा
नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) से मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व चीफ नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) आगामी 1 अप्रैल को रिहा होंगे। इस बाबत सिद्धू के ट्विटर पेज पर आज यानी शुक्रवार को जानकारी दी गई। बाकायदा एक ट्वीट में लिखा है कि, वरिष्ठ अधिकारियों ने रिहाई की सूचना दी है। दरअसल सजा के दौरान कोई छुट्टी न लेने का नवजोत सिंह सिद्धू को यह बेनिफिट मिल रहा है। गौरतलब है कि एक रोडरेज केस में बीते 19 मई 2022 को एक साल कैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके चलते सिद्धू बीते 20 मई 2022 को जेल गए थे।
बता दें कि, सिद्धू की सजा आगामी 19 मई को पूरी हो रही है, लेकिन उनके पेंडिंग छुट्टियों के चलते उन्हें पहले ही रिहा कर दिया जाएगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो, NDPS और संगीन जुर्मों के अलावा एक महीने में उन्हें सौंपे गए काम और कैदियों के आचरण के आधार पर 4 से 5 दिन की छूट दी जाती है। इसके अलावा कुछ सरकारी छुटि्टयों का फायदा भी इन कैदी को मिलता है। जानकारी हो कि, नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पूरी सजा के दौरान एक बार भी छुट्टी नहीं मांगी।
हालांकि बीते दिसंबर 2022 से ही नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई को लेकर चर्चाएं गर्म थीं। वहीं पंजाब कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा तो बाकायदा सिद्धू के स्वागत की तैयारियों में भी जुटा हुआ था। वहीं इन सभी को आस थी कि, 26 जनवरी 2023 को नवजोत सिंह सिद्धू रिहा हो जाएंगे। लेकिन तब ऐसा न हो सका.
गौरतलब है कि, नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर कैंसर से पीड़ित हैं। दरअसल उन्हें स्टेज-2 कैंसर है। वहीं बीते दिनों नवजोत कौर ने अपने पति सिद्धू के लिए एक मैसेज में लिखा था कि, वह उनके रिलीज होने का इंतजार नहीं कर सकती। उनकी तकलीफ अब बढ़ रही है। जिसके बाद कई सीनियर कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की भी पुरजोर मांग उठाई थी।
दरअसल साल 1988 के रोड रेज के मामले में 59 वर्षीय सिद्धू एक साल जेल की सजा काट रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसर्मण कर दिया था जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
वहीं SC ने अपने आदेश में कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए दिखाई गई कोई भी सहानुभूति न्याय प्रणाली को और अधिक नुकसान पहुंचाएगी और इससे कानून के प्रभाव के प्रति जनता के भरोसे पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इस घटना में 65 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। वर्मा ने कहा कि पंजाब जेल नियमावली के मुताबिक अच्छे चालचलन वाला दोषी छूट पाने का हकदार है।