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Published: Mar 16, 2021 10:16 AM IST

2000 Noteमोदी सरकार का 2000 के नोटों पर बड़ा खुलासा! बीते 2 साल से नहीं छापा एक भी नोट, ये है वजह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के चलते देश की आर्थिक हालात थोड़े चिंताजनक है। वहीं इन सबके बीच अब लोगों के जेहन में यह सवाल आ रहा है कि क्या 2000 रुपये के नोट बंद होने वाले हैं? ऐसा सोचने की ख़ास वजह यह है कि अब मोदी सरकार (Narendra Modi Goverment) ने भी लोक सभा में यह खुद माना है कि बीते दो साल में 2000 रुपये के नोटों की छपाई नहीं हुई है। हालाँकि इस पर मोदी सरकार ने नोटों की छपाई बंद करने को लेकर वजह भी बताई है। लेकिन इसकी छपाई बंद होने का मतलब ये कतई नहीं है कि 2000 के नोट बंद होने वाले हैं, ये चलन में रहेंगे।  

रुकी 2000 के नोटों की छपाई: 

बता दें कि वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने संसद में बताया कि 2000 रुपये मूल्‍य के एक भी करेंसी नोट की पिछले दो साल में छपाई नहीं हुई है। इस बाबत उन्होंने बीते सोमवार को लोक सभा में इस बारे में जरुरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की तरफ से अब तक 2000 रुपये के नोटों की कोई डिमांड नहीं आयी, इसलिए फिलहाल नोटों की छपाई नहीं की जा रही है।

नहीं मिला नए नोटों की छपाई का ऑर्डर:

यही नहीं अनुराग ठाकुर ने यह भी बताया कि नोटों की डिमांड-सप्लाई को निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार, रिजर्व बैंक की सलाह पर ही नोटों की छपाई पर फैसला लेती है। उन्‍होंने बताया कि 2019-20 और 2020-21 के दौरान 2000 रुपये के नोटों की छपाई को लेकर सरकार को RBI से कोई भी ऑर्डर नहीं मिला है। 

लगातार कम हुई 2000 के नोट की छपाई:

विदित हो कि RBI ने 2019 में यह बताया था कि वित्‍त वर्ष 2016-17 में 2000 रुपये के कुल 354।2991 करोड़ नोट छापे गए थे। जबकि वित्‍त वर्ष 2017-18 में केवल 11।1507 करोड़ के नोट छापे गए, जो बाद में वित्‍त वर्ष 2018-19 में घटकर 4।6690 करोड़ ही रह गए। बीते अप्रैल 2019 के बाद से एक भी नया 2000 का बैंक नोट नहीं छापा गया है। गौरतलब है कि नवंबर 2016 में सरकार ने देशभर में नोटबंदी का ऐलान किया था, 500 रुपए और 1000 हजार रुपए के नोटों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद 500 रुपए और 2 हजार के नए नोट भी जारी हुए थे। 

2000 के नोटों का इस्तेमाल भी हुआ कम:

इसके साथ ही इस विषय पर अनुराग ठाकुर ने बताया कि नोटों की जमाखोरी और कालाधन को रोकने के लिए ही 2000 के नोटों की छपाई पर रोक लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 30 मार्च 2018 को 2000 रुपए के तकरीबन 336।2 करोड़ नोट प्रचलन में थे। जबकी 26 फरवरी 2021 को 2000 रुपए के नोटों की संख्या केवल अब 249।9 करोड़ ही रह गई है। बता दें कि देशभर में नोटबंदी के बाद  500 रुपए और 2 हजार के नए नोट, जमाखोरी और कालाधन को रोकने के लिए ही लाए गए थे।