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Published: Sep 17, 2023 07:34 PM IST

Sanatan Controversyसनातन विवाद पर घमासान जारी: कांग्रेस नेता ने कहा- 'RSS प्रमुख मोहन भागवत ने उठाया सबसे पहले ये मुद्दा'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

हैदराबाद/ नई दिल्ली: पुरे देश में सनातन धर्म पर बहस जारी है। इस बीच, कांग्रेस ने रविवार (17 सितंबर) को दावा किया कि आरएसएस (RSS) चीफ मोहन भागवत ने सबसे पहले हिंदू धर्म में भेदभाव का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने कहा, “सनातन धर्म को लेकर विवाद सबसे पहले तब शुरू हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कुछ दिन पहले हिंदू धर्म में भेदभाव का मुद्दा उठाया।”

तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी विपक्षी गठबंधन इंडिया पर लगातार हमलावर है। तमिलनाडु के मंत्री ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया कर इसे खत्म करने की बात कही थी। तब से यह विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 

“RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान से उठा मुद्दा”

 हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद पवन खेड़ा ने कहा, “यह मुद्दा मोहन भागवत के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने ही 15 दिन पहले बोला था कि हमने 2000 साल तक शोषण किया है। उन्होंने ये बात हिंदू धर्म के विषय पर कही।” बता दें कि हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत कहा था कि आरक्षण तब तक जारी रखा जाए, जब तक समाज में भेदभाव है। जिसका जिक्र करते हुए पवन खेड़ा ने यह बात कही।  

संघ प्रमुख ने क्या कहा था?

नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था, “हमने अपने ही साथियों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा। हमने उनकी परवाह नहीं की और ये 2000 वर्षों तक जारी रहा। जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है। इस तरह का भेदभाव होने तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। हम आरएसएस में संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देते हैं।”