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Published: Mar 27, 2024 11:33 AM IST

Avimukteshwaranand Saraswatiगाय बचाने के लिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का संसद की ओर पैदल मार्च, गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने की है मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती- गौ माता (डिजाइन फोटो)

नवभारत देगितल डेस्क: आज दिल्ली (Delhi) में संसद भवन (Parliament House) तक एक अनोखा मार्च चल पड़ा है। जहां ज्योतिर मठ (Jyotir Math) के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Jagatguru Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati) अपने अनुयायियों के साथ गोरक्षा के लिए संसद भवन तक चल पड़े है। साथ ही उन्होंने गौमाता (Gomata, Cow) को लेकर एक ऐसी मांग रखी है जिसे सुन आप भी हैरान रह जाएंगे।

दरअसल, गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने की मांग को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उत्तर प्रदेश के गोवर्धन से दिल्ली तक नंगे पांव यात्रा कर बीते दिन मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। इसके बाद उन्होंने बदरपुर में रात्रि विश्राम किया। अब आज वो एक बार फिर चल पड़े हैं। जहां वे संसद पहुंचने तक मार्च जारी रखेंगे।

क्या बोले शंकराचार्य
बता दें, अपनी मांग को लिए मार्च पर चल रहे विमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का कहना है कि, ‘संत चाहते हैं कि गाय को ‘रामा’ कहा जाए जहां, ‘रा’ का अर्थ ‘राष्ट्र’ (राष्ट्र) और ‘मा’ का अर्थ ‘माता’ (मां) हो।

वहीं आगामी लोकसभा चुनाव को निशाना बनाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि ‘जनता के वोटों से सरकार को चुना जाता है और उस सरकार में अगर गौ हत्या होती है तो गौ माता की हत्या का दोष मतदाताओं को भी लगता है।’ उन्होंने कहा कि, इसलिए जनता को गौ माता की हत्या के कलंक से बचाने का दायित्व उनका है क्योंकि वे एक धर्म गुरु है। गौ माता के लिए ही वे नंगे पाव जन जागरण यात्रा करते हुए घूम रहे है।

शंकराचार्य ने कही ये बड़ी बात
इस बीच शंकराचार्य ने दावा किया की ”जिस राजनीतिक पार्टी की तरफ से कहा जाएगा कि वो गौ हत्या के विरुद्ध हैं, तो गौ माता की हत्या नहीं होने देंगे तो हम उस दल के प्रत्याशियों को लोकसभा में चुनने के लिए स्वयं अपील करेंगे।”