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Published: Jul 11, 2022 03:06 PM ISTMaharashtra Political Crisis विधायकों के बाद अब क्या सांसद भी छोड़ेंगे शिवसेना का साथ? उद्धव की बैठक में 18 में सिर्फ 10 MP शामिल
मुंबई: महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) के शिवसेना पार्टी की परेशानियां कम होने का नाम नही ले रहीं हैं। पहले विधायक और अब सांसदों के बागी होने की खबर सामने आ रही है। दरसल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakere) ने मातोश्री में शिवसेना के सांसदों की बैठक बुलाई थी। लेकिन इस बैठक में कई सासदों ने कन्नी काट लिया है। खबर की माने तो सासंदों के इस बैठक में शिवसेना के 18 में से 10 सांसद ने ही भाग लिया है। इसके पहले शिवसेना पार्टी के 40 विधायक उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के गठबंधन में सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) के ग्रुप के साथ नई सरकार बना लिए हैं।
शिवसेना पार्टी से लगातार बागी हो शिंदे ग्रुप में सामिल हो रहें नेताओं के चलते शिवसेना का अस्तित्व खतरे में आ गया है। ऐसे में आज हुए बैठक से साफ संदेश जाता है कि, बड़ी संख्या में सासंद भी शिवसेना का साथ छोड़कर शिंदे ग्रुप में सम्मलित हो जाएगें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मातोश्री में हुए इस बैठक में 8 सासंद नही आये थें। नही आने वाले सांसदों में परभणी से संजय जाधव, ठाणे से राजन विचारे, यवतमाल से वाशिम, कोल्हापुर के संजय मांडलिक, पालघर से राजेंद्र गावित, हिंगोली के हेमंत पाटिल, के.डी के सीएम एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे और रामटेक से कृपाल तुमाने अनुपस्थित थें ऐसा माना जा रहा है ये सांसद भी जल्द शिवसेना को छोड़ शिंदे के शिवसेना बालासाहब में सम्मलित हो जाएगें।
आपको बता देण कि, जहां एक तरफ शिवसेना का इस बैठक का उद्देश्य पार्टी से अपने सासंदों के जुड़े होने की जांच का था तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति चुनाव में किसे वोट देना है इस रणनीति बनाना था। आपको बता दें कि, एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मदीवार द्रोपदी मुर्मू का एकनाथ शिंदे का पूरा समर्थन है। ऐसे जी सासंद सीएम शिंदे के साथ आ रहें है वो लोग भी शिंदे के साथ द्रोपदी मुर्मू को जितने के लिए वोट करेंगे। ऐसे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का इस बैठक के बहाने शिवसेना सांसदों एकत्रित रखने का सपना भी चकनाचूर हो गया है।