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Published: Mar 18, 2024 03:59 PM IST

Supreme Courtहिमाचल में कांग्रेस के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अयोग्य ठहराने के फैसले पर नहीं लगी रोक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस-वोटिंग’ करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के कार्यालय को नोटिस जारी किया और उससे चार सप्ताह में याचिका पर जवाब देने को कहा। 

पीठ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बागी विधायकों की याचिका लंबित रहने तक उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने या वोट देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उसने कहा कि छह रिक्त सीटों पर उपचुनाव के संबंध में हम यह देखेंगे कि क्या याचिका के लंबित रहने के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित चुनाव को रोका जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए छह मई की तारीख तय की और बागी विधायकों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया।

विधानसभा की छह रिक्त सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया सात मई को शुरू होगी। छह असंतुष्ट विधायकों – सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो को सदन में उपस्थित रहने और कटौती प्रस्ताव तथा बजट के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के पक्ष में वोट करने के लिए कांग्रेस के व्हिप की अवज्ञा करने पर 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था। उनकी अयोग्यता के बाद सदन में सदस्यों की संख्या 68 से घटकर 62 रह गयी जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से कम होकर 34 रह गई।