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Published: Mar 12, 2021 06:36 PM IST

सेवानिवृत्तन्यायाधीश इंदु मल्होत्रा हुईं भावुक, अपना भाषण भी पूरा नहीं कर पाईं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
PTI Photo

नयी दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे (CJI S.A. Bobde) ने शुक्रवार को कहा कि वह न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा (Suprme Court Justice Indu Malhotra) से बेहतर अन्य न्यायाधीश को नहीं जानते है। न्यायमूर्ति मल्होत्रा पहली महिला न्यायाधीश थी जिनकी नियुक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय में हुई थी। प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा के कार्यकाल के अंतिम दिन यह टिप्पणी की। परपररा के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले न्यायाधीश अपने कार्यकाल के अंतिम दिन प्रधान न्यायाधीश के साथ न्यायालय में बैठते हैं।

न्यायमूर्ति मल्होत्रा की प्रशंसा करते हुए, न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि वह उनके न्यायिक कौशल के बारे में कुछ भी कहना नहीं चाहते हैं क्योंकि उनके फैसले ज्ञान, विवेक और दृढ़ता से भरे हुए रहे हैं। न्यायमूर्ति मल्होत्रा शनिवार को सेवानिवृत्त हो रही है। इस मौके पर न्यायमूर्ति मल्होत्रा भावुक हो गई। उनकी हालत यह हो गई कि वह अपना विदाई भाषण भी पूरा नहीं कर पाईं।

उन्होंने कहा कि उनका शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल तीन साल से भी कम रहा है, लेकिन वह संतुष्टि की भावना के साथ जा रही है। न्यायमूर्ति मल्होत्रा ने प्रधान न्यायाधीश और बार के सदस्यों को धन्यवाद दिया और कहा, “मैं संस्था का हिस्सा बनकर बहुत धन्य हूं।”

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “मैं उस भावना को समझ सकता हूं जो आखिरी दिन होती है। हम किसी अन्य दिन उनका भाषण सुनेंगे।” अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि वह सर्वश्रेष्ठ न्यायाधीशों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना पड़ता है। वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति मल्होत्रा की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमें इस महान न्यायाधीश की कमी खलेगी।”

वरिष्ठ अधिवक्ताओं मुकुल रोहतगी, पी एस नरसिम्हा, वी मोहना और अन्य वकीलों ने न्यायमूर्ति मल्होत्रा की प्रशंसा की। न्यायमूर्ति मल्होत्रा 26 अप्रैल, 2018 को शीर्ष न्यायपालिका में एक न्यायाधीश के रूप में शामिल हुई थी। (एजेंसी)