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Published: Sep 28, 2021 12:13 AM IST

Surgical Strike Anniversaryपाकिस्तान में घुसकर भारतीय सेना ने की सर्जिकल स्ट्राइक, 38 आतंकवादियों को किया ढेर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) एक ऐसी सैन्य कार्रवाई है जिसमें एक से अधिक सैन्य लक्ष्यों को नुकसान पहुंचाया जाता है और उसके पश्चात हमला करने वाली सैनिक इकाई तुरंत वापस लौट आती है। आज ही के दिन यानी 28-29 सितंबर को भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान (Pakistan) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।

सेना के द्वारा ये पहला मौका था जब आतंकियों के खिलाफ दुश्मन के घर में घुसकर किसी ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन में सेना के 150 कमांडोज शामिल थे। सेना के जवान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पूरी प्लानिंग के साथ 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया था

38 आतंकवादियों को मार गिराया

स्पेशल कमांडोज पीओके में पूरी प्लानिंग के साथ घुस गए थे। जवानों ने PoK में पल रहे आतंकियों के कुल 6 कैंपों का धव्सत करने लक्ष्य रखा था। वहीं हमले के दौरान इनमें से 3 कैंपों को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया गया। इस हमले में सेना ने 38 आतंकवादियों को मार गिराया था। इसके अलावा पाक सेना के 2 जवान भी मारे गए थे। वहीं इस ऑपरेशन में भारतीय पैरा कमांडोज के दो जवान पूरी तरह से घायल हो गए थे। सेना ने यह ऑपरेशन रात 12.30 बजे से शुरू कर सुबह 4.30 बजे खत्म किया था।

सेना मुख्यालय से ऑपरेशन पर निगरानी

ऑपरेशन के बारे में किसी पता न चले उसके लिए डिनर पार्टी आयोजन किया गया था। लेकिन उस समय के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर , NSA अजित डोभाल और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के डिनर में जाने की बजाय ये तीनों रात 8 बजे सीधे सेना मुख्यालय में पहुंच गए। जहां से उन्होंने पूरी रात सेना द्वारा की जा रही कार्रवाई पर बारीकी से नजर रखे हुए थे। वहीं इस ऑपरेशन की जानकारी लगातार प्रधानमंत्री मोदी (PM MODI) को भी दी जा रही थी।

उरी आतंकी हमले में हमारे 19 जवान शहीद 

गौरतलब है कि 18 सितम्बर 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकवादियों द्वारा भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हमला किया गया था। जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियो ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया था जब सेना के जवान अपने रूम में आराम कर रहे थे। वहीं सेना की ओर से की गई जवाबी करवाई में सभी चारों आतंकी मारे गए थे। इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया गया था।